इस्लामाबाद: बलूचिस्तान में एक बार फिर सुरक्षा हालात पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. बलूच विद्रोहियों ने हाल ही में एक शक्तिशाली बारूदी सुरंग विस्फोट के जरिए पाकिस्तानी सेना के एक चीनी निर्मित बख्तरबंद वाहन (CSK-182) को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया. हमले में वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी सैन्यकर्मी मारे गए.
यह घटना न केवल पाकिस्तान के सुरक्षा ढांचे पर सवाल खड़े करती है, बल्कि चीन के सैन्य उपकरणों की वास्तविक विश्वसनीयता और सुरक्षा क्षमता पर भी बहस छेड़ती है.
हमले का वीडियो जारी
बलूच विद्रोही समूह ने इस हमले का वीडियो सार्वजनिक किया है, जिसमें वाहन पर विस्फोट का क्षण और उससे पहले बारूदी सुरंग लगाने की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. वीडियो यह संकेत देता है कि इस क्षेत्र में विद्रोहियों की गहरी उपस्थिति और योजना बनाने की क्षमता है.
Monitoring: Balochistan Liberation Front has published video of an IED attack on Pakistan Army's armored vehicle.#Balochsitan pic.twitter.com/E3JPjTWCwd
— Bahot | باہوٹ (@bahot_baluch) May 19, 2025
विस्फोट के बाद बचने वाले सैनिकों पर की गई फायरिंग इस हमले की रणनीतिक तैयारी और क्रूरता को दर्शाती है.
चीन निर्मित CSK-182 वाहन की क्षमताएं
जिस वाहन को निशाना बनाया गया, वह डोंगफेंग मेंगशी GEN-III CSK-182 4x4 APC था. यह वाहन चीन की डोंगफेंग मोटर ग्रुप द्वारा विकसित किया गया है और पाकिस्तान ने 2021 में इसे अपने आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल किया था.
CSK-182 में माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्शन (MRAP), सैटेलाइट संचार, नाइट विजन कैमरे और रिमोट-नियंत्रित हथियार प्रणाली जैसे आधुनिक फीचर मौजूद हैं. इसकी अधिकतम रफ्तार 120 किमी/घंटा और रेंज 600 किमी तक है. इसका कुल वजन लगभग 8 टन होता है.
हालांकि, इस घटना ने इन दावों की व्यवहारिक प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं – विशेष रूप से बारूदी सुरंगों जैसे असममित खतरों के सामने इसकी क्षमता पर.
पाकिस्तान की चीनी उपकरणों पर निर्भरता
पाकिस्तानी सेना के पास वर्तमान में 300 से अधिक CSK-182 वाहन हैं, जिन्हें विभिन्न भूमिका जैसे मेडिकल इवैकुएशन, कमांड एंड कंट्रोल, और हथियार लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में उपयोग किया जा रहा है.
ये वाहन चीन के PLA (People’s Liberation Army) में भी सेवा में हैं, जहां इन्हें CSK-181 और अन्य संस्करणों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. CSK-182, CSK-181 का छोटा और अधिक कॉम्पैक्ट वर्जन है.
क्या चीन के सैन्य उपकरण युद्ध के लिए उपयुक्त हैं?
बलूच विद्रोहियों द्वारा अपनाए गए गुरिल्ला और बारूदी सुरंग जैसे असममित युद्ध के तरीके, पारंपरिक सैन्य प्लेटफॉर्म्स की कमजोरी को उजागर करते हैं. CSK-182 जैसी वाहनों की क्षमताएं आधुनिक युद्ध के परिप्रेक्ष्य में सैद्धांतिक रूप से तो प्रभावशाली लगती हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं दिखाती हैं कि ग्राउंड रियलिटी में तकनीक हमेशा निर्णायक नहीं होती.
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