पाकिस्तानी नेवी का हाल बेहाल! आकाश के बाद जल में भी ताकत बढ़ाएगा भारत, ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ को मिली हरी झंडी

    Project 75 India: भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. लंबे समय से अटकी पड़ी ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ (Project 75-I) योजना को अब आखिरकार केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है.

    After Akash India will increase its strength in water as well Project 75 India
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Grok

    Project 75 India: भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. लंबे समय से अटकी पड़ी ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ (Project 75-I) योजना को अब आखिरकार केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है. इसके तहत भारत में छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा, और वह भी जर्मनी की तकनीकी साझेदारी के साथ.

    रक्षा मंत्रालय और मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड (MDL) को जर्मन रक्षा कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (Thyssenkrupp Marine Systems) के साथ बातचीत शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. इस बातचीत की प्रक्रिया अगस्त के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है.

    देश में ही बनेगी जर्मन तकनीक वाली पनडुब्बियां

    जनवरी 2025 में रक्षा मंत्रालय ने मझगांव डाकयार्ड को इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए जर्मन कंपनी के साथ साझेदारी करने के लिए चुना था. अब इस फैसले को आगे बढ़ाते हुए केंद्र ने दोनों पक्षों के बीच औपचारिक वार्ता को हरी झंडी दे दी है. माना जा रहा है कि अगले छह महीनों में अनुबंध वार्ता पूरी कर ली जाएगी और अंतिम मंजूरी भी मिल जाएगी.

    यह परियोजना भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. इन पनडुब्बियों का निर्माण देश के भीतर ही किया जाएगा, जिससे पारंपरिक पनडुब्बी डिजाइन और निर्माण में घरेलू क्षमताएं विकसित होंगी.

    पनडुब्बी बेड़े का भविष्य और रणनीति

    हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में देश के पनडुब्बी बेड़े की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीति पर विचार किया गया. तेजी से बदलते वैश्विक रक्षा समीकरणों और खासकर चीन की नौसेना के विस्तार को देखते हुए भारत को अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने की ज़रूरत महसूस हो रही है.

    इस दिशा में सरकार न केवल पारंपरिक पनडुब्बियों पर ध्यान दे रही है, बल्कि दो परमाणु हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण की दिशा में भी कार्य शुरू कर चुकी है. इस प्रोजेक्ट में निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) की भूमिका प्रमुख होगी.

    चीन और पाकिस्तान से निपटने की तैयारी

    भारत की इस रणनीति का उद्देश्य स्पष्ट है, हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों का प्रभावी मुकाबला करना. छह नई पनडुब्बियां, जो करीब तीन सप्ताह तक पानी के भीतर रह सकती हैं, भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगी.

    सरकार और नौसेना दोनों इस परियोजना को समय से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और पनडुब्बी निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं.

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