चीन की इस मिसाइल से डरा अमेरिका! US सेना ने $ 1 बिलियन वाले हथियार बनाने की मांग, ट्रंप से लगाई ये गुहार

    AIM-260 Joint Advanced Tactical Missile: एशिया की बढ़ती सामरिक शक्ति ने अब वैश्विक संतुलन को चुनौती देना शुरू कर दिया है. चीन की आधुनिक मिसाइल प्रणाली PL-15 और इसके उन्नत संस्करण PL-17 की कार्यक्षमता ने अमेरिका के सैन्य नेतृत्व को गहरी चिंता में डाल दिया है.

    America is scared of this missile of China US Army demands to make weapons 1 billion doller
    Image Source: Social Media/ X

    AIM-260 Joint Advanced Tactical Missile: एशिया की बढ़ती सामरिक शक्ति ने अब वैश्विक संतुलन को चुनौती देना शुरू कर दिया है. चीन की आधुनिक मिसाइल प्रणाली PL-15 और इसके उन्नत संस्करण PL-17 की कार्यक्षमता ने अमेरिका के सैन्य नेतृत्व को गहरी चिंता में डाल दिया है. अब अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान इसका सीधा जवाब AIM-260 ज्वाइंट एडवांस्ड टैक्टिकल मिसाइल (JATM) के रूप में तैयार कर रहा है, एक ऐसी मिसाइल जो भविष्य की हवाई लड़ाइयों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है.

    AIM-260 को विकसित कर रही है अमेरिकी डिफेंस दिग्गज लॉकहीड मार्टिन, और इसके लिए करीब 1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) की फंडिंग की मांग ट्रंप प्रशासन से की गई है. एयरफोर्स और नेवी दोनों इस प्रोजेक्ट को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रख चुके हैं.

    क्यों है अमेरिका की चिंता की वजह?

    चीनी PL-15 मिसाइल की खासियत इसकी 400 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता है, जिससे यह अमेरिकी विमानों को काफी पहले ही निशाना बना सकती है. अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस तकनीक को तेजी से विकसित कर चुका है, और PL-17 नाम की लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल अब ऑपरेशनल हो चुकी है.

    इस तकनीकी बढ़त ने अमेरिका की पारंपरिक "एयर सुपीरियरिटी" (हवाई वर्चस्व) को सीधी चुनौती दी है. अमेरिकी एयरफोर्स ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, “अब वक्त है ऐसे हथियार की, जो विरोधियों से एक कदम आगे हो.”

    PL-15 का अमेरिकी जवाब

    AIM-260 न सिर्फ मौजूदा AIM-120 AMRAAM का उन्नत संस्करण होगा, बल्कि इसे विशेष रूप से F-22 रैप्टर और F-35 स्टील्थ फाइटर के इंटरनल वेपन बे में फिट करने लायक बनाया गया है. यानी मिसाइल छिपी रहेगी, और दुश्मन को तब तक कोई संकेत नहीं मिलेगा जब तक हमला हो नहीं जाता.

    प्रमुख विशेषताएं:

    PL-15 और यूरोपीय मेटियोर मिसाइल से लंबी रेंज

    अत्याधुनिक गाइडेंस और टारगेटिंग सिस्टम

    F-16, F-15 और भविष्य के अनमैन्ड कॉम्बैट ड्रोन में भी फिट करने की क्षमता

    हाई-स्पीड डाटा लिंक और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट टेक्नोलॉजी

    बजट और रणनीतिक निवेश

    AIM-260 को जल्द से जल्द तैनात करने के लिए अमेरिकी एयरफोर्स ने $368 मिलियन उत्पादन और $300 मिलियन अतिरिक्त अनुसंधान और डेवेलपमेंट के लिए मांगे हैं. अमेरिकी नेवी ने भी $301 मिलियन की फंडिंग अलग से निर्धारित की है.

    विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि यह मिसाइल सफल होती है तो यह $30 बिलियन का डिफेंस प्रोग्राम बन सकता है, जो लॉकहीड मार्टिन के लिए F-35 के बाद सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हो सकता है.

    क्या AIM-260 बदल सकेगी खेल का रुख?

    जहां चीन और पाकिस्तान मिलकर PL-15 और PL-17 जैसे हथियारों के जरिए एशिया में अपनी हवाई ताकत बढ़ा रहे हैं, वहीं अमेरिका अब एक निर्णायक जवाब देने की तैयारी में है. AIM-260 को लेकर दुनिया की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह हथियार कब ऑपरेशनल होगा, और क्या यह अमेरिका को हवाई युद्ध की नई दिशा में बढ़त दिला पाएगा.

    यह भी पढ़ें- धोखेबाज निकले ट्रंप! यूक्रेन के साथ किया ऐसा कि माथा पीटने लगे जेलेंस्की, पुतिन की हो गई बल्ले-बल्ले