तेहरानः 12 दिन तक चले खूनी संघर्ष के बाद ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम पर सहमति तो बन गई, लेकिन इसके साथ ही एक नई और कहीं अधिक खतरनाक कहानी सामने आ रही है—ईरान से 400 किलोग्राम उच्च स्तर पर संवर्धित यूरेनियम का अचानक गायब हो जाना. इस रहस्यमयी घटना ने न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है.
कहां गया 400 किलो संवर्धित यूरेनियम?
सूत्रों के मुताबिक, यह यूरेनियम 60% तक समृद्ध था और अगर इसे 90% तक संवर्धित किया जाए, तो इससे करीब 10 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ABC न्यूज को बताया कि यह यूरेनियम तब गायब हुआ, जब अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नतांज, और इस्फहान—पर बंकर बस्टर बम गिराए. ईरान पर यह हमला तब हुआ, जब वह इजरायल के खिलाफ सीधे युद्ध में कूद पड़ा था. लेकिन इस बमबारी के ठीक बाद यह संवर्धित यूरेनियम रहस्यमय ढंग से गायब हो गया.
हमले से पहले ट्रकों की हलचल
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इजरायली खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि हमले से कुछ समय पहले फोर्डो परमाणु साइट के बाहर 16 ट्रकों की कतार देखी गई थी. यह ट्रक शायद यूरेनियम और संवेदनशील उपकरणों को कहीं और शिफ्ट करने के लिए इस्तेमाल किए गए थे. फोर्डो की साइट वैसे भी पहाड़ों के नीचे स्थित है और हमलों से काफी हद तक सुरक्षित मानी जाती है.
क्या ईरान ने जानबूझकर यूरेनियम छुपाया?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले ही यूरेनियम को किसी अज्ञात स्थान पर ट्रांसफर कर दिया था. वहीं, हमले के बाद सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों में ट्रकों का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे इस थ्योरी को और बल मिलता है.
IAEA की चेतावनी
IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि यह यूरेनियम आखिरी बार इजरायल के हमले से ठीक एक हफ्ता पहले देखा गया था. उन्होंने निरीक्षण तत्काल शुरू करने की अपील की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूरेनियम का दुरुपयोग नहीं हुआ है.
क्या ईरान अब परमाणु हथियारों के करीब है?
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है, लेकिन इजरायल लंबे समय से उसे परमाणु बम की दिशा में बढ़ता हुआ देख रहा है. युद्ध से पहले भी इजरायली अधिकारियों ने दावा किया था कि ईरान 'नो रिटर्न पॉइंट' तक पहुंच चुका है. इधर, ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हटने की धमकी भी दे डाली है. ईरानी उप विदेश मंत्री तख्त रवांची ने साफ कहा कि "हमें कोई यह नहीं बता सकता कि हमें क्या करना है."
अमेरिका की दोहरी राय
इस मामले में अमेरिका का रुख भी थोड़ा उलझा हुआ नजर आया है. CNN की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान अब भी हथियार बनाने की स्थिति में नहीं है और इसमें उसे कम से कम तीन साल लगेंगे. मगर वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईरान के पास अब वह सारी सामग्री है, जिससे वह कुछ ही हफ्तों में परमाणु हथियार बना सकता है.
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