कोविड-19 भले ही बीते कुछ वर्षों में नियंत्रण में आया हो, लेकिन वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. अब एक बार फिर यह वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा रहा है. कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में इज़ाफा देखा जा रहा है, और हालात ये हैं कि अमेरिका में हर हफ्ते लगभग 350 लोगों की मौत हो रही है. वहीं, भारत में भी एक्टिव केस का आंकड़ा एक बार फिर हज़ार के पार चला गया है.
अमेरिका में बढ़ी चिंता: नया वैरिएंट बना मुसीबत
CDC (Centers for Disease Control and Prevention) की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2025 के चार हफ्तों में अमेरिका में कोविड-19 से कुल 1,433 लोगों की मौत हुई. हर हफ्ते औसतन 350 मौतें दर्ज की गईं. इस गंभीर स्थिति के पीछे वायरस के नए वैरिएंट्स — ओमिक्रोन JN.1, LF.7, और NB.1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है, जो पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और आक्रामक हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस की वापसी के पीछे सबसे बड़ा कारण टीकाकरण की धीमी गति, कमजोर इम्यूनिटी, और कई लोगों तक सही समय पर इलाज न पहुंच पाना है.
टीकाकरण की सुस्ती बनी खतरे की घंटी
CDC के आंकड़े बताते हैं कि 2024 से 2025 के बीच अमेरिका में सिर्फ 23% वयस्कों और 13% बच्चों ने ही अपडेटेड कोविड वैक्सीन ली है. इससे बड़ी संख्या में लोग वायरस के प्रति असुरक्षित हो गए हैं, जिससे संक्रमण और मौतों का खतरा बढ़ गया है.
भारत में भी दिखने लगे संकेत
भारत में 19 मई के बाद कोरोना केसों में इज़ाफा देखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 1,000 से अधिक सक्रिय केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 753 केवल 19 मई के बाद दर्ज किए गए. केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं.
सावधानी ही बचाव: इन बातों का रखें ध्यान
कोरोना से बचाव के लिए अब भी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. विशेषज्ञ ये सुझाव देते हैं:
कोविड के आम लक्षण:
ये भी पढ़ेंः क्या सीजफायर करवाते-करवाते पुतिन से होगी ट्रंप की लड़ाई? बोले-मैं नहीं होता तो...
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है. इसमें बताए गए सुझाव किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं हैं. स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें.