बलूचिस्तान में बरस रही बम और गोलियां! विद्रोहियों के हमले में एक मेजर समेत 20 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत

    पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर हिंसा ने सिर उठाया है. पिछले 12 घंटों के दौरान अवारान, क्वेटा और कालात जिलों में सेना की चौकियों पर हुए हमलों में पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.

    20 Pakistani soldiers including a Major died in the attack
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    क्वेटा: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर हिंसा ने सिर उठाया है. पिछले 12 घंटों के दौरान अवारान, क्वेटा और कालात जिलों में सेना की चौकियों पर हुए हमलों में पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. इन हमलों में एक मेजर सहित करीब 20 सैनिकों के मारे जाने की खबर है, जिससे पूरे इलाके में अलर्ट घोषित कर दिया गया है.

    मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलों में सैन्य प्रतिष्ठानों को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया, जिससे यह संदेह और गहराता है कि इसके पीछे किसी सुनियोजित संगठन की भूमिका है. हालांकि किसी भी संगठन ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों को शक है कि इसके पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और फितना अल हिंदुस्तान जैसे उग्र गुट शामिल हो सकते हैं.

    बस पर हमला, नागरिकों की भी जान गई

    इसी दौरान बलूचिस्तान के कालात जिले में एक यात्री बस पर हमला हुआ जिसमें 3 लोगों की मौत और 13 घायल हो गए. हमलावरों ने क्वेटा-कराची हाईवे पर घात लगाकर बस को रोका और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. पाकिस्तानी मीडिया 'डॉन' के अनुसार, यह हमला पूरी तरह योजनाबद्ध था और सड़क के दोनों ओर से गोलीबारी की गई.

    बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि सुरक्षा बल और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और हमलावरों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

    सरकारी बयान: आतंकवादी साजिश का हिस्सा

    पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मुख्यमंत्री मिर्जा सरफराज बुगती ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह हमला फितना अल हिंदुस्तान जैसे आतंकी संगठनों का काम है. उन्होंने इसे निर्दोष नागरिकों और सुरक्षा बलों पर एक भयावह हमला बताया, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    वहीं, पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ISPR के अनुसार, यह हमला उस दिन हुआ जब अवारान इलाके में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया था, जिनके संबंध फितना अल हिंदुस्तान से बताए जा रहे हैं. मुठभेड़ में सेना के मेजर सैयद रब नवाज तारिक की मौत भी हुई थी.

    बलूचिस्तान: पाकिस्तान का सबसे संवेदनशील क्षेत्र

    इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक Pakistan Institute for Conflict and Security Studies (PICSS) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि मई 2025 में पाकिस्तान में कुल 85 आतंकी हमले दर्ज किए गए, जिनमें से 35 हमले केवल बलूचिस्तान में हुए. इनमें 51 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हुए.

    चौंकाने वाली बात यह है कि इन हमलों में मारे गए 30 लोग आम नागरिक थे, जबकि 18 सुरक्षाकर्मी और 3 हमलावर भी मारे गए.

    पिछले महीने झोब में भी 9 लोगों की हत्या

    10 जुलाई की रात को बलूचिस्तान के झोब जिले के सर धक्का इलाके में एक यात्री बस को हथियारबंद लोगों ने रोका और उसमें सवार 9 लोगों को पहचान कर उतार कर गोली मार दी. यह इलाका लंबे समय से उग्रवादियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है.

    झोब के असिस्टेंट कमिश्नर नवीन आलम ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों ने यात्रियों की पहचान करने के बाद टारगेट किया. इस घटना ने आम नागरिकों में गहरी असुरक्षा पैदा कर दी है.

    बलूच राष्ट्रवाद की पुकार तेज हुई

    इस वर्ष अप्रैल में बलूच नेता मीर यार बलूच ने खुले मंच पर पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का ऐलान किया था.

    उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय फैसला सुना दिया है. अब दुनिया को मूकदर्शक नहीं रहना चाहिए. हमें समर्थन दो."

    उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दशकों से बलूच लोगों के मानवाधिकारों का हनन, अपहरण और सैन्य हिंसा हो रही है, और अब यह सहन नहीं किया जाएगा.

    BLA: स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए लड़ता संगठन

    बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) एक उग्र राष्ट्रवादी संगठन है जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग कर रहा है. इस संगठन को पाकिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है.

    BLA का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और बलूच लोगों के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. यह संगठन पाकिस्तानी सेना, सरकार और विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाता रहा है.

    इनका तरीका गुरिल्ला युद्ध जैसा होता है—छिपकर हमला करना और तुरंत पीछे हट जाना, जिससे सुरक्षा बलों के लिए इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है.

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