ढाकाः बांग्लादेश सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में दिए गए बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने आरोप लगाया है कि हसीना के बयान बांग्लादेश में अस्थिरता और तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश अपनी आंतरिक समस्याओं का समाधान खुद करेगा और विदेशों से कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा.
तौहीद हुसैन ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर चिंता जताई थी. हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भारत या किसी अन्य देश को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उनका कहना था कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है और इसे किसी विदेशी हस्तक्षेप से दूर रखा जाना चाहिए.
भारत को भी अपनी आंतरिक समस्याओं में हस्तक्षेप से बचना चाहिए
तौहीद हुसैन ने कहा कि ठीक वैसे ही जैसे भारत को अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए कोई भी बाहरी टिप्पणी स्वीकार नहीं करनी चाहिए, वैसे ही बांग्लादेश को भी अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मुद्दे को लेकर भारत की चिंताएं गलत हैं, क्योंकि बांग्लादेश अपनी आंतरिक स्थिति को गंभीरता से देख रहा है और वहां की सरकार इस मामले को पूरी जिम्मेदारी से निपटाने का प्रयास कर रही है.
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर तौहीद का बयान
तौहीद हुसैन ने यह भी कहा कि बांग्लादेश का भारत के साथ संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा, “हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि भारत को यह तय करना होगा कि वह बांग्लादेश से किस तरह के संबंध रखना चाहता है.” उनके मुताबिक, दोनों देशों के रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए संवाद और समझदारी जरूरी है, हालांकि यह दोनों देशों की सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे बिना किसी बाहरी दबाव के अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाएं.
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