'हमने शांति और विकास को अपनाया, पाकिस्तान ने विभाजन को': इंद्रेश कुमार

पाकिस्तान ने भारत के विरोध और तनाव को अपनी नीति बनाया, जिसकी परिणीति हमें हालिया घटनाओं में देखने को मिल रही है. पाकिस्तान की क्रूरता और आतंरिक अस्थिरता के कारण उसकी पहचान की राजनीति ही खतरे में पड़ गई है.

Indresh Kumar Said We adopted peace and development Pakistan adopted partition
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच/Photo- Bharat 24

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारत के विरोध और तनाव को अपनी नीति बनाया, जिसकी परिणीति हमें हालिया घटनाओं में देखने को मिल रही है. पाकिस्तान की क्रूरता और आतंरिक अस्थिरता के कारण उसकी पहचान की राजनीति ही खतरे में पड़ गई है. यह बात मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने यहां आयोजित एक इफ्तार में कही.

उन्होंने कहा, "जो जन्म लेता है, उसे मौत आती है. यह पाकिस्तान के साथ भी होगा, मगर भारत अजन्मा है, अमर है." उन्होंने स्पष्ट किया कि शांति और विकास के मार्ग पर चलकर भारत महाशक्ति बन गया, जबकि पाकिस्तान ने विभाजन और आतंकवाद को अपनाया. आज वह अलगाववाद और आंतरिक विद्रोह का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान का मुसलमान भी पहचान पर खड़े किए गए देश में खुद को सुरक्षित नहीं मानता. आम पाकिस्तानियों को लगता है कि चीन उन पर कब्जा करेगा, यह डर उन्हें परेशान कर रहा है."

डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा, "जब भारत में सभी धर्म और समुदाय एक साथ भाईचारे और शांति का संदेश दे रहे हैं, तब पाकिस्तान अपनी स्वाभाविक मौत मर रहा है और चार टुकड़ों में बंटने की कगार पर खड़ा है."

पाकिस्तान में संकट गहराया, भारत में एकता मजबूत

पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा जाफर एक्सप्रेस हाईजैक की घटना ने उसकी आंतरिक सुरक्षा की पोल खोल दी है. इस ऑपरेशन में 214 बंधकों की हत्या का दावा किया गया, जबकि पाकिस्तानी सेना ने भीषण संघर्ष में 33 BLA लड़ाकों को मारने का दावा किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार की नीतियों ने वहां के नागरिकों को पूरी तरह हताश कर दिया है. आतंकवाद और सैन्य तानाशाही ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है.

इसके विपरीत, दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित भव्य इफ्तार में भारत की साझी संस्कृति और गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली और बिलाल उर रहमान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सभी समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए.

इफ्तार में सौहार्द का संदेश, पाकिस्तान में अलगाववाद की लपटें

इस इफ्तार पार्टी में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा, NCMEI के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सईद, झंडेवालान मंदिर के ट्रस्टी रवींद्र गोयल, हज़रत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के अमीन सैयद अफसर अली निजामी समेत विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोग शामिल हुए. इफ्तार से पहले इमाम उमैर इलियासी ने शांति और सौहार्द की विशेष दुआ कराई, जिससे पूरे माहौल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ.

इस अवसर पर इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा, "भारत की ताकत उसकी विविधता में है. हम यहां हर पर्व को एकजुटता के साथ मनाते हैं, चाहे वह रमज़ान हो, होली हो, ईद हो या ईस्टर." वहीं, डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि "समाज में शिक्षा और जागरूकता से ही प्रगति और सौहार्द आ सकता है. जब हम ज्ञान और समझ के माध्यम से एक-दूसरे को अपनाएंगे, तभी सच्चा विकास संभव होगा."

भारत की एकता बनाम पाकिस्तान का बिखराव

इफ्तार पार्टी के दौरान सभी धर्मों और जातियों के लोगों की भागीदारी भारत की सहिष्णुता और भाईचारे का सबसे सशक्त उदाहरण बनी. वहीं, पाकिस्तान में हालात बिल्कुल उलट हैं. बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित- बाल्टिस्तान में बढ़ते असंतोष के चलते पाकिस्तान की अखंडता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि "भारत में जहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दे रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में नफरत, आतंकवाद और कट्टरपंथ का अंधकार छाया हुआ है. यह इस बात का प्रमाण है कि भारत का रास्ता सही है और पाकिस्तान अपनी गलतियों का खामियाजा भुगत रहा है. पाकिस्तान में अलगाववाद की लपटें और तेज होती जा रही हैं. भारत सांप्रदायिक सौहार्द और मेलमिलाप की मिसाल बन रहा है, पाकिस्तान अपने ही जाल में फंसकर टूटने की कगार पर खड़ा है."