बांग्लादेश इस समय गंभीर संकट से जूझ रहा है, और शेख हसीना के शासन के बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. हाल के महीनों में देश में अपराध दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में हत्या, अपहरण, डकैती, चोरी और सेंधमारी जैसे अपराधों में बढ़ोतरी देखी गई है, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक हैं.
जनवरी 2025 में 294 हत्या के मामले
यह आंकड़े उस समय सामने आए हैं जब यूनुस सरकार ने कानून-व्यवस्था को 'संतोषजनक' बताया था, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत कहानी बयां कर रहे हैं. यूनुस सरकार पर सवाल उठने लगे हैं, और लोगों में यह भावना बन रही है कि सरकार की नीतियां बांग्लादेश को और अधिक संकट की ओर धकेल रही हैं.
जनवरी 2025 में 294 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जबकि जनवरी 2024 में ये आंकड़े 231 थे. इस बढ़ोतरी के साथ पिछले चार वर्षों में भी हत्याओं की संख्या में उतार-चढ़ाव आया था, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा हत्या के मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, डकैती के मामलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. जनवरी 2025 में डकैती के 171 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले साल के 114 मामलों से कहीं अधिक हैं. अपहरण के मामले भी दोगुने से ज्यादा हो गए हैं.
अपराधों में वृद्धि जारी
कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए शुरू किए गए 'ऑपरेशन डेविल हंट' के बावजूद अपराधों में वृद्धि जारी रही है. मौलाना भशानी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उमर फारुक ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले छह महीनों में लूटपाट, डकैती और चोरी जैसे अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी देखी गई है. उन्होंने सरकार के दावे की आलोचना करते हुए कहा कि इन अपराधों के बढ़ने से लोगों में भय का माहौल बना है, और सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई करने में नाकाम रही है.
बांग्लादेश की जनता अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है, और सरकार की खामोशी और बेपरवाही ने स्थिति को और भी विकट बना दिया है. इन बढ़ते अपराधों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जा सके और लोगों को राहत मिल सके.
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