जम्मू-कश्मीरः केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर अधिनियम, 2019 में संशोधन किया गया. इस संशोधन के बाद उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ा दिया गया है. लेकिन वहीं अब सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने उंगली उठाना शुरु कर दिया है. इस कड़ी में जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि यह फैसला मुख्यमंत्री को शक्तिहीन बना देगा.
मुख्यमंत्री को बना देगा शक्तिहीन
विपक्षीय नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केंद्र का यह कदम नए मुख्यमंत्री को "शक्तिहीन" बना देगा और यह संकेत देगा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही चुनाव होंगे.
नियुक्ती के लिए लेनी होगी इजाजत
इस फैसले को लेकर उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग शक्तिहीन मुख्यमंत्री से बेहतर के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद उपराज्यपाल को चपरासी की नियुक्ती के लिए भी एलजी से भीख मांगनी पड़ेगी.
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं उमर अब्दुल्ला के इस बयान के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने पलटवार किया है. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों के मद्येनजर उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ा दिया गया है. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर टिप्पणी करना सही नहीं है.
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