जम्मू-कश्मीरः जम्मू-कश्मीर में कुछ समय के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लेकिन उससे पहले केंद्र की बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ताकत बढ़ा ने का फैसला किया है. दरअसल मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 में संशोधन किया है. इस अधिकारों के मिलने के बाद सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को मिलने वाला है.
Ministry of Home Affairs (MHA) amended Jammu and Kashmir Reorganization Act to give more power to the Lieutenant Governor.
— ANI (@ANI) July 13, 2024
The MHA notifies the amended Rules under Section 55 of the Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019 inserting new Sections giving more power to the LG. pic.twitter.com/3gbaSTssNp
गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अधीसूचना जारी की गई है. वहीं इस संशोधन के बाद आपको बता दें कि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंघित मामलों में उपराज्यपाल की शक्ति बढ़ जाने वाली है. यानी उनके काम करने का दायरा और अधिक बढ़ने वाला है. लगभग सभी क्षेत्रों में उन्हे वो सारे अधिकार मिल जाएंगे, जिसमें जिसमें वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता होती है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में किया गया संशोधन
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के बाद पुलिस, पब्लिक ऑर्डर, ऑल इंडिया सर्विस और एंटी करप्शन ब्यूरो से रिलेटेड प्रस्तावों पर वित्त विभाग की सहमति के बिना फैसला लेने का अधिकार उपराज्यपाल के पास रहेगा.
अधिनियम में शामिल की गई नई ये नई धाराएं
42A- डिपार्टमेंट ऑफ लॉ, जस्टिस एंड पार्लियामेंट्री अफेयर्स विभागों में वकील-एडवोकेट जनरल और अन्य अधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मुख्य सचिव और सीएम के जरिए उपराज्यपाल के समक्ष पेश किया जाएगा. 42B-अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा.
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