नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक का गठन "देश की आत्मा को बचाने" के लिए किया गया था और कहा कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए नहीं बनाया गया था.
उनकी यह टिप्पणी शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत द्वारा इंडिया गठबंधन के भीतर समन्वय की कमी पर चिंता व्यक्त करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस को इसके अव्यवस्था को लेकर जिम्मेदार ठहराया था.
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'इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव को लेकर नहीं बना था'
इन सबके बीच तिवारी ने कहा, "इंडिया गठबंधन ने देश में (लोकसभा चुनाव में) अच्छा प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से बीजेपी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई... आगे की रणनीति इंडिया गठबंधन के सभी नेता मिलकर तय करेंगे. इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए नहीं बना है, यह देश की आत्मा की रक्षा के लिए बना है..." उन्होंने कहा, "यह 'भारत के विचार' को बचाने के लिए बना है."
संजय राउत ने की थी कांग्रेस की आलोचना
राउत ने कहा, "मैं उमर अब्दुल्ला की बात से सहमत हूं. हमने लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था और नतीजे भी अच्छे रहे थे. उसके बाद, हम सभी की, खासकर कांग्रेस की, यह जिम्मेदारी थी कि हम इंडिया गठबंधन को जीवित रखें, एक साथ बैठें और आगे का रास्ता दिखाएं." उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता कहते हैं कि भारत गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं है.
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केजरीवाल ने AAP और BJP के बीच बताया मुकाबला
इस बीच, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव आप और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा, न कि इंडिया गठबंधन का चुनाव.
केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली विधानसभा चुनाव आप और भाजपा के बीच है. यह इंडिया गठबंधन का चुनाव नहीं है. मैं उन सभी दलों का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने हमारा समर्थन किया. ममता बनर्जी हमारा समर्थन कर रही हैं. अखिलेश यादव हमारा समर्थन कर रहे हैं. मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है कि (उद्धव) ठाकरे जी की पार्टी हमारा समर्थन कर रही है."
दिल्ली चुनाव 5 फरवरी को नतीजे 8 को आएंगे
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है. नामांकन की जांच की तिथि 18 जनवरी है. उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है.
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है. 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को 8 सीटें मिलीं थीं.
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