ब्रासीलिया (ब्राज़ील) : ब्राज़ील की संघीय सरकार ने गुरुवार (स्थानीय समय) को मेटा को एक अतिरिक्त न्यायिक नोटिस जारी किया, जिसमें उसके प्लेटफ़ॉर्म पर नफ़रत भरे भाषण और गलत सूचना को लेकर फैक्ट-चेक के लिए उसकी कवायद पर स्पष्टीकरण मांगा है. अनादोलु समाचार एजेंसी ने यह खबर दी है.
अनादोलु समाचार एजेंसी के अनुसार, ब्राज़ील में अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने मेटा को, जो Facebook, Instagram और WhatsApp का मालिक है, इस सप्ताह की शुरुआत में अपने डेटा वैलिड करने कार्यक्रम को बंद करने के उसके निर्णय को स्पष्ट करने के लिए 72 घंटे का समय दिया.
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ब्राजील सरकार ने सख्त, कही ये बात
अनादोलु समाचार एजेंसी के एक रिलीज का हवाला देते हुए सरकार ने कहा, "ब्राज़ील में बच्चों और किशोरों, कमज़ोर आबादी और व्यावसायिक वातावरण की सुरक्षा के लिए सख्त कानून हैं, और हम इन नेटवर्क को पर्यावरण को डिजिटल नरसंहार या बर्बरता में बदलने की अनुमति नहीं देंगे."
नोटिस में गुरुवार को पोस्ट किए गए एक डॉक्टर्ड वीडियो को हटाने की भी अपील की, जिसमें पालतू जानवरों और जन्म से पहले जानवरों पर प्रस्तावित टैक्स के बारे में ब्राजील के वित्त मंत्री, फर्नांडो हदाद की गलत टिप्पणियों को शामिल किया गया था.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाए गए इस वीडियो को गलत जानकारी फैलाने के तौर पर देखा गया था.
अनादोलु समाचार एजेंसी के हवाले से नोटिस में कहा गया, "AI के जरिए छेड़छाड़ की गई पोस्ट में धोखाधड़ी वाली जानकारी है और मंत्री के ऐसे बयानों को शामिल किया गया है जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थे."
मेटा ने फैक्ट चेक को लेकर यह विकल्प देने की बात कही
इस सप्ताह, मेटा ने घोषणा की कि वह अपने पारंपरिक फैक्ट-चेक मैथेडोलॉजी को "कम्युनिटी नोट्स" फैसिलिटी से बदलने की बात कही है, जो कि एक्स (पूर्व में ट्विटर) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुविधा के समान है.
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने अनादोलु समाचार एजेंसी के हवाले से कहा, "मेटा की पॉलिसी में घोषित परिवर्तनों के मद्देनजर, कंपनी द्वारा बुनियादी-संवैधानिक कानून और 1988 के संविधान के अनुसार मौलिक अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देना आवश्यक है."
यह कदम ब्राजील सरकार द्वारा गलत सूचना और नुकसान पहुंचाने वाले कंटेंट फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जवाबदेह ठहराने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है.
ब्राजील के अधिकारियों ने पहले भी टिकटॉक और एक्स जैसे प्लेटफार्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है, जिसके कारण देश में अस्थायी रूप से सेवा निलंबित कर दी गई थी.
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