'दुनिया की सबसे बड़ी मतगणना प्रकिया पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित' - CEC राजीव कुमार

    लोकसभा चुनाव 2024(Lok Sabha Election 2024) में देश के सभी 543 संसदीय सीटों के नतीजे आने वाले हैं. इससे पहले चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतगणना प्रकिया पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित है.

    मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस/ Social Media
    मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

    Election Commission PC

    नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए मतदान प्रकिया पूरी हो चुकी है. सात चरणों में हुए वोटिंग के लिए पहले फेज की शुरुआत 19 अप्रैल को हुई थी. वहीं आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को हुई. देशभर के 543 संसदीय सीटों के नतीजे एक साथ 4 जून को आएंगे. इससे पहले चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रेस कॉफ्रेंस की और बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी मतगणना प्रकिया पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित है. 

    मतदान के बाद पक्ष और विपक्ष के नेता लगातार इस चुनाव में पिछले चुनाव से अपने बेहतर उम्मीद का दावा कर रहे हैं. वोटिंग समाप्त होने के बाद तमाम चैनलों के सामने आए एग्जिट पोल में देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को 300 से अधिक आंकड़ों पर विजय होते हुए दिखा रही हैं. वहीं उनके एलायंस यानी एनडीए का आंकड़ां 350 से ऊपर जाता दिख रहा है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का एक खेमा वोट काउटिंग साफ-सुथरे तरीके से कराने पर जोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि बैलट पेपर वाले वोटों की काउटिंग पहले और फिर ईवीएम मशीन की काउटिंग हो. इसी बीच चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होने बताया कि सातों चरणों के लिए मतदान प्रकिया बहुत ही सुचारू प्रकिया के रूप में चली. 

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    मतगणना प्रकिया का पूरा हिस्सा तय 
        
    विपक्षी दलों द्वारा मतगणना प्रक्रिया पर चिंता जताए जाने के बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि पूरी मतगणना प्रणाली मजबूत है और पूरी प्रक्रिया को एक निश्चित तरीके से कराने का निर्णय लिया गया है ताकि पूरी प्रक्रिया में कोई गलती नहीं हो सके. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा, "पूरी मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है. हमें नहीं लगता कि कहीं भी इस तरह की मजबूत प्रणाली है. मतगणना प्रक्रिया का पूरा हिस्सा तय है. पूरी प्रक्रिया संहिताबद्ध है. माइक्रो ऑब्जर्वर मौजूद हैं. इस प्रक्रिया में कोई गलती नहीं हो सकती. दुनिया की सबसे बड़ी मतगणना प्रक्रिया के दौरान मतगणना अधिकारी, मतगणना एजेंट, माइक्रो-ऑब्जर्वर, आरओ/एआरओ, ऑब्जर्वर सहित लाखों लोग मौजूद थे. चुनाव से पहले ईवीएम को रैंडमाइज किया गया था. सभी उम्मीदवार और एजेंट यह देखने के लिए मौजूद थे कि बूथ पर कौन मौजूद है." 

    INDIA ब्लॉक के नेताओं ने चुनाव आयोग से की थी मुलाकात 

    इससे पहले, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्धारित मतगणना (4 जून) से कुछ दिन पहले 150 जिलाधिकारियों को फोन किया है. ईसीआई ने कांग्रेस महासचिव से तथ्यात्मक जानकारी और विवरण मांगा. सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की गिनती से पहले शुरू होगी. 

    2019 चुनाव में ऐसे हुई थी काउंटिंग 

    सीईसी राजीव कुमार ने कहा, "आरपीए अधिनियम की धारा 54 ए 1954 में पेश की गई थी. उस समय, डाक मतपत्रों के लिए अधिक लोग नहीं थे. सभी केंद्रों पर, डाक मतपत्रों की गिनती पहले शुरू होगी. केवल आधे घंटे के बाद, ईवीएम की गिनती पहले शुरू होगी. यह 2019 में हुआ था, यह सभी 2022 विधानसभा चुनावों में हुआ, यह कल अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी हुआ." 

    बता दें विपक्षी महागठबंधन INDIA ब्लॉक के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतगणना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत के चुनाव आयोग से मुलाकात की. चुनाव आयोग के साथ अपनी बैठक में, इंडिया ब्लॉक ने कहा कि चुनाव आयोग को 4 जून को मतगणना प्रक्रिया के लिए स्पष्ट, विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए. ईसीआई के साथ बैठक के बाद, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "पहले डाक मतपत्रों की गिनती करना और पहले डाक मतपत्रों के परिणाम घोषित करना बहुत महत्वपूर्ण है. यह वैधानिक नियम में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है. इसे चुनाव आयोग ने वर्षों से समझा है. हमारी शिकायत यह है कि इस 2019 के दिशानिर्देश के इस वैधानिक नियम को अलविदा कह दिया गया है."

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