ध्यान साधना से लौटने पर PM Modi ने व्यक्त किया अनुभव, बोले- नम थी मेरी आंखे, भारत के उज्जवल भविष्य का किया विचार

    कन्याकुमारी से ध्यान सधाने से वापसी लौटने के बाद पीएम मोदी ने अपने अनुभव को व्यक्त किया है. पीएम ने कहा कि इस शांत वातावरण में मैं देश के उज्जवल भविष्य के बारे में ही विचार कर रहा था.

    ध्यान साधना से लौटे पर व्यक्त किया अनुभव, बोले- नम थी मेरी आंखे, भारत के उज्जवल भविष्य का किया विचार
    ध्यान साधना से लौटे पर व्यक्त किया अनुभव- फोटोः बीजेपी ट्विटर हैंडल

    PM Modi Meditation 

    चुनाव 2024 के मतदान खत्म होने के बाद पीएम मोदी ध्यान साधना के लिए कन्याकुमारी जाने के लिए रवाना हुए. इस दौरान पीएम ने ध्यान साधना से वापसी लौटते समय शनिवार को एक नोट में लोगों को आग्रह करते हुए आने वाली पीढ़ियों और आने वाली शताब्दियों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अगले 25 साल पूरी तरह से देश के लिए समर्पित करने को कहा है.

    भारत की शक्तियों को हमें पहचानना चाहिए

    इस नोट में पीएम मोदी ने अपने एक्सपीरिएंस को लिखते हुए कहा कि हम सभी को भारत के विकास को वैश्विक संदर्भ में देखना चाहिए और इसके लिए यह आवश्यक है कि हम भारत की आंतरिक क्षमताओं को समझें.  हमें भारत की शक्तियों को पहचानना चाहिए, उनका उपयोग दुनिया के लाभ के लिए करना चाहिए. आज के वैश्विक परिदृश्य में, एक युवा राष्ट्र के रूप में भारत की ताकत एक अवसर है, जिससे हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए."

    भारत के उज्जवल भविष्य सोच रहा था

    उन्होंने कहा कि इस शांति और मौन भरे वातावरण के बीच मेरा मन लगातार भारत के उज्जवल भविष्य और साथ ही भारत के लक्ष्यों के बारे में ही सोच रहा था. पीएम ने कहा कि 'हर देश के पास देने के लिए एक संदेश होता है, पूरा करने के लिए एक मिशन होता है, पहुँचने के लिए एक नियति होती है. प्रधानमंत्री ने लिखा, "हजारों वर्षों से, भारत सार्थक उद्देश्य की इसी भावना के साथ आगे बढ़ रहा है.  भारत हजारों वर्षों से विचारों का उद्गम स्थल रहा है.

    यह मेरा नहीं है

    अपने विचारों को इस संदेश में उतारते हिए पीएम मोदी ने कहा कि हमने जो कुछ भी अर्जित किया है. हम लोगों को उसे अपनी संपत्ती नहीं माना है. न ही इसे केवल आर्थिक या भौतिक मापदंडों से मापा है. इसलिए, 'इदं-न-मम' (यह मेरा नहीं है) भारत के चरित्र का एक अंतर्निहित और स्वाभाविक हिस्सा बन गया है.

    दुनिया के लिए उदहारण बना भारत

    पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत देश का शासन मॉडल पूरे कई देशों के लिए एक उदाहरण बन गया है. भारत का विकास पथ हमें गौरव और गौरव से भर देता है, लेकिन साथ ही यह 140 करोड़ नागरिकों को उनकी जिम्मेदारियों की याद भी दिलाता है. अब, बिना एक पल भी बर्बाद किए, हमें बड़े कर्तव्यों और बड़े लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. हमें नए सपने देखने, उन्हें हकीकत में बदलने और उन सपनों को जीने की शुरुआत करने की जरूरत है.

    मेरी आंखे हो रही थी नम

    "यह स्वाभाविक है कि चुनावों का उत्साह मेरे दिल और दिमाग में गूंज रहा था. रैलियों और रोड शो में दिखने वाले लोगों की भीड़ मेरी आंखों के सामने आ गई. हमारी नारी शक्ति का आशीर्वाद...भरोसा, स्नेह, यह सब बहुत ही विनम्र अनुभव था. मेरी आंखें नम हो रही थीं. मैं एक 'साधना' (ध्यान की अवस्था) में प्रवेश कर गया. और फिर, गरमागरम राजनीतिक बहसें, हमले और जवाबी हमले, आरोपों की आवाजें और शब्द जो चुनाव की खासियत हैं. वे सब शून्य में विलीन हो गए. मेरे भीतर अलगाव की भावना पैदा हुई. मेरा मन बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग हो गया.

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