डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति का असर अब अमेरिका के हथियार बाजार पर भी दिखने लगा है, और कई देशों ने अमेरिका से हथियार खरीदने के बजाय अन्य विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं. इनमें सबसे प्रमुख नाम कनाडा का है, जो इन दिनों अमेरिका के साथ अपनी डिफेंस डील को लेकर खटास का सामना कर रहा है. खासतौर पर अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ चल रही एफ-35 फाइटर जेट डील को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है.
लॉकहीड मार्टिन, जो एफ-35 लाइटनिंग II स्टील्थ फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी है, अब कनाडा के साथ अपनी डील को बचाने की भरसक कोशिश कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कनाडा को यह ऑफर दिया है कि अगर वह 88 एफ-35A फाइटर जेट खरीदने के लिए प्रतिबद्ध रहता है, तो कंपनी कनाडा में और अधिक नौकरियां पैदा करेगी. यह ऑफर कनाडा की प्रमुख डिफेंस नीति के तहत है, जिसका उद्देश्य "कनाडाई अर्थव्यवस्था में नौकरियां पैदा करना और रक्षा खरीद के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देना" है.
कनाडा के साथ व्यापार संबंधों में तनाव
यह कदम लॉकहीड मार्टिन की उस कोशिश का हिस्सा है जब ट्रंप प्रशासन के तहत कनाडा के साथ व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ चुका है. ट्रंप ने कनाडा के खिलाफ टैरिफ लगाने का निर्णय लिया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में खटास आई है. ऐसे में कनाडा एफ-35 की डील को लेकर पुनर्विचार करने पर मजबूर है.
एफ-35 जेट को लेकर देशों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं. जर्मनी ने पहले ही इस सौदे की जांच की बात की थी, वहीं पुर्तगाल भी जियो-पॉलिटिकल कारणों से एफ-35 खरीदने से इनकार कर चुका है. अब कनाडा भी इस जेट के विकल्पों की तलाश करने लगा है. कनाडा ने पहले ही कहा था कि वह एफ-35 की खरीदारी पर पुनर्विचार करेगा, और अब रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि वह यूरोपीय फाइटर जेट्स पर विचार कर रहा है.
स्वीडिश SAAB ग्रिपेन-ई और यूरोफाइटर टाइफून जैसे विकल्प
अगर कनाडा एफ-35 डील को रद्द करता है, तो स्वीडिश SAAB ग्रिपेन-ई और यूरोफाइटर टाइफून जैसे विकल्प सामने आ सकते हैं. हालांकि, कनाडा को इस बात का डर है कि अमेरिका इन यूरोपीय जेट्स की बिक्री पर वीटो लगा सकता है, क्योंकि इन जेट्स के कई हिस्से अमेरिका से आते हैं. वहीं, राफेल फाइटर जेट एकमात्र ऐसा विकल्प हो सकता है, जो अमेरिका के नियंत्रण से बाहर हो.
कनाडा को यह चिंता है कि अगर वह एफ-35 जेट खरीदता है, तो भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में अमेरिका जेट का इस्तेमाल रोक सकता है या उसके मरम्मत में दिक्कतें पैदा कर सकता है, जिससे उसका एफ-35 बेड़ा बेकार हो सकता है. इसके अलावा, कनाडा में एफ-35 सौदे को लेकर जनता की भी नकारात्मक प्रतिक्रिया रही है, खासतौर पर इसके खर्च को लेकर. ट्रंप प्रशासन के साथ बढ़ते तनाव और इस डील के विवाद के बाद कनाडा अब अपने विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
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