नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दी है. यह निर्णय शुक्रवार, 28 मार्च को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इससे पहले, जुलाई 2024 में 3% की बढ़ोतरी की गई थी. इस नए संशोधन के बाद महंगाई भत्ता 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा.
लाभार्थियों की संख्या और प्रभाव
इस वृद्धि का लाभ लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 66 लाख पेंशनर्स को मिलेगा. नई दरें 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगी. घोषणा में हुई देरी के कारण, अप्रैल के वेतन में जनवरी से मार्च 2025 तक के एरियर के साथ बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता जोड़ा जाएगा.
महंगाई भत्ता वृद्धि दर में गिरावट
पिछले सात वर्षों में यह सबसे कम वृद्धि है, क्योंकि आमतौर पर महंगाई भत्ते में 3% से 4% तक की वृद्धि होती है. सामान्य रूप से सरकार यह घोषणा होली या दिवाली जैसे बड़े त्योहारों से पहले करती है, लेकिन इस बार यह निर्णय होली के बाद लिया गया है.
महंगाई भत्ते का उद्देश्य
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई के प्रभाव से राहत देने के लिए प्रदान किया जाता है. इसकी दरें ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर निर्धारित की जाती हैं और हर छह महीने में संशोधित की जाती हैं.
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) क्या है?
भारत में दो प्रकार की महंगाई दरें होती हैं:
रिटेल महंगाई (CPI): यह खुदरा उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों पर आधारित होती है.
थोक महंगाई (WPI): यह थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन को दर्शाती है.
सरकार इसी डेटा के आधार पर महंगाई भत्ते की दरों में संशोधन करती है ताकि सरकारी कर्मचारियों की जीवनशैली प्रभावित न हो.
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