ढाकाः बांग्लादेश वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें मोहम्मद युनूस की नेतृत्व को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. आपको बता दें कि कि देश के पास बिजली आयात करने या ऊर्जा संबंधित कर्ज चुकाने के लिए आवश्यक पैसा भी नहीं है. इसके कारण बढ़ती चिंता ये है कि बांग्लादेश को आने वाली गर्मियों में गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है, जो पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है.
कर्ज में डूबा बांग्लादेश
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) विभिन्न स्वतंत्र पावर प्रोड्यूसर्स (IPPs) और पेट्रोबांगला को 43,473 करोड़ टाका का कर्ज चुका नहीं पा रहा है. इस राशि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, 10,309 करोड़ टका, भारतीय अडानी समूह को देना है. स्थानीय IPPs को लगभग 16,000 करोड़ टका मिलना है, और संयुक्त उद्यम पावर प्लांट्स, जैसे पेड़ा और रामपाल, को लगभग 10,000 करोड़ टाका का कर्ज है. इसके अतिरिक्त, पेट्रोबांग्ला पर 7,164 करोड़ टका का कर्ज है.
पिछली गर्मियों में, बांग्लादेश की बिजली की मांग 17,200 मेगावाट (MW) तक पहुंच गई थी, लेकिन सरकार केवल 15,500 मेगावाट की औसत आपूर्ति कर सकी, जिससे 2,000-2,200 मेगावाट की कमी रही. चूंकि बिजली की मांग में हर साल 6% की वृद्धि का अनुमान है, बांग्लादेश इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (BIPA) का मानना है कि आने वाली गर्मी में बिजली की मांग 18,232 मेगावाट तक बढ़ सकती है. हालांकि, BPDB ने अभी तक इस अवधि के लिए आपूर्ति और मांग का कोई आधिकारिक पूर्वानुमान जारी नहीं किया है.
बिजली होगी गुल
BIPA ने इस संकट की चेतावनी दी है, और कहा है कि अगर सरकार IPPs के बकाया कर्ज का भुगतान नहीं करती है, तो देश को 3,500-4,000 मेगावाट की बिजली उत्पादन कमी का सामना करना पड़ सकता है. BIPA के अध्यक्ष डेविड हसनात ने चेतावनी दी कि अगर कम से कम 16,000 करोड़ टका के बकाए का हिस्सा भी चुकता नहीं किया गया, तो बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक ईंधन आयात करने के लिए पत्रों को खोलना असंभव होगा.
ये भी पढ़ेंः ये कैसा चमत्कार? मां के पेट में पल रहे बच्चे के अंदर मिला एक और भ्रूण; हैरान कर देगी ये कहानी