भारत से शराब और कृषि उत्पाद सस्ते कराने पर अड़ा अमेरिका, दोनों देशों में टैरिफ को लेकर हुई बातचीत

अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों को लेकर जारी बातचीत में दोनों देशों ने टैरिफ (आयात शुल्क) से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैक्स लगाने की घोषणा की है.

America is adamant on making liquor and agricultural products cheaper from India talks regarding tariff
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प/Photo- ANI

नई दिल्ली: अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों को लेकर जारी बातचीत में दोनों देशों ने टैरिफ (आयात शुल्क) से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैक्स लगाने की घोषणा की है. इस संदर्भ में अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है.

मुख्य मुद्दे:

अमेरिका, भारत से शराब और कृषि उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क में भारी कमी की मांग कर रहा है. वहीं, भारत ने अमेरिका से स्पष्ट प्राथमिकताएं देने को कहा है ताकि व्यापार घाटे को संतुलित करने के लिए एक मध्य मार्ग निकाला जा सके. यह वार्ता 29 मार्च तक चलेगी.

व्यापार घाटा और टैरिफ का मुद्दा:

वर्तमान में अमेरिका भारत से 43,000 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद खरीदता है, जबकि भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों का 13,760 करोड़ रुपये का आयात करता है. अमेरिका का कहना है कि उसे भारत के साथ व्यापार में 4 लाख करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है.

अमेरिकी कृषि उत्पादों को सरकार से भारी सब्सिडी मिलती है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से सस्ते हो जाते हैं. भारत के लिए यह एक चुनौती है क्योंकि यहां 70 करोड़ लोग कृषि पर निर्भर हैं और अमेरिकी उत्पादों के सस्ते होने से भारतीय किसानों की आय पर असर पड़ सकता है. इसी कारण भारत संतुलन साधने के प्रयास में है.

अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव:

यदि अमेरिका भारत पर टैरिफ बढ़ाता है, तो भारत को लगभग 60,000 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो सकता है. अमेरिका विशेष रूप से अपनी शराब, ऑटोमोबाइल, कृषि और डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क घटाने पर जोर दे रहा है. फिलहाल भारत में इन पर 100% से 165% तक का टैरिफ लागू है.

भारत ने संकेत दिया है कि वह अमेरिकी व्हिस्की और मोटरसाइकिलों पर टैरिफ कम कर सकता है, लेकिन अन्य उत्पादों पर टैरिफ में कटौती को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है. भारत ने यह भी कहा है कि वह अमेरिकी उत्पादों के आयात पर टैरिफ घटाकर 1.97 लाख करोड़ रुपये कर सकता है, जिससे दोनों देशों के व्यापार को संतुलित किया जा सके.

अमेरिका की अतिरिक्त चिंताएँ:

अमेरिका ने भारत के क्वालिटी कंट्रोल मानकों और भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों को लेकर भी आपत्ति जताई है. अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उत्पाद इन मानकों पर खरे नहीं उतरते, जिससे उनके निर्यात पर प्रभाव पड़ता है. भारत, चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर लगे प्रतिबंधों में संभावित ढील देने पर भी विचार कर रहा है.

भविष्य की संभावनाएँ:

भारत और अमेरिका एक व्यापक व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत कर रहे हैं, जिसमें दोनों देशों के उत्पादों को समान बाजार पहुंच देने और व्यापारिक प्रतिबंधों को कम करने पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. भारत अपने ऑटोमोटिव टैरिफ में चरणबद्ध कटौती करने पर भी विचार कर सकता है.

इस व्यापार वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संतुलित व्यापार संबंधों को स्थापित करना और व्यापारिक मतभेदों को कम करना है.

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