Mayanmar Earthquake: म्यांमार के लोग इस समय भूकंप की चपेट से घबराये हुए हैं. राहत की सांस लेना स्थानिय लोगों के लिए दूबर हो चुका है. ऐसे में भारत देश ने म्यांमार की मदद का हाथ आगे बढ़ाया और वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रत बचाव की टीम को भेजा है.
जानकारी के अनुसार भारत ने हवाई रास्ते राहत बचाव टीम को घटनास्थल पर मदद के लिए भेजा है. विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान भी सामने आया है. उन्होंने बताया कि भारत ने इस अभियान के तहत दो और भारतीय नौसैनिक जहाज भेजे जा रहे हैं. भारत ने इस ऑपरेशन को ब्रह्मा नाम दिया है. क्या आप जानते हैं कि यही नाम इस ऑपरेशन को क्यों दिया गया?
ब्रह्मा नाम ही क्यों?
अब अभियान के इस नाम पर भी विदेश मंत्रालय की जानकारी सामने आई है. रणदीश जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि आज हमने ऑपरेशन ब्रह्मा को लॉन्च किया है. ऐसा इसलिए ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, और ऐसे समय में हम म्यामांर सरकार और म्यामांर के लोगों को तबाही के बाद अपने देश में पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं. इसलिए इस ऑपरेशन का नाम ब्रह्मा रखा गया है. क्योंकि ये खास ऑपरेशन का खास अर्थ है. उन्होंने बताया कि 15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा. यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा. हमारे राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए वहां गए थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया.
अगले 24-48 घंटे महत्वपूर्ण
आपको बता दें कि इस ऑपरेशन का नेतृत्व दिल्ली के पास गाजियाब में स्थित 8वीं NDRF बटालियन के कमांडेट पीके तिवारी कर रहे हैं. पीके तिवारी शहरी खोज के साथ-साथ बचाव का नेतृत्व कर रहे हैं. इस एनडीआरएफ के डिप्टी डायरेक्टर मोहसिन शहेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अगले 24-48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं. ताकी वे “लाभकारी रूप से संलग्न” हो सकें और जमीन पर उनकी “सक्रिय भागीदारी” हो सके.