पेरिस ओलंपिक 2024 : WFI चीफ संजय सिंह का ऐलान, कोटा हासिल कर चुके पहलवानों को नहीं देना होगा ट्रायल

    Sanjay Singh on trial for wrestlers : भारत की तरफ से कोटा जीतने वाली दो महिला पहलवान निशा और रितिका ने ओलंपिक के लिए ट्रायल न कराने की अपील की थी.

    पेरिस ओलंपिक 2024 : WFI चीफ संजय सिंह का ऐलान, कोटा हासिल कर चुके पहलवानों को नहीं देना होगा ट्रायल
    डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने पर दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए संजय सिंह, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में जाने वाले पहलवानों को अब कोई ट्रायल नहीं देना पड़ेगा. ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले खिलाड़ी वहां सीझे जाएंगें. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रेसीडेंट संजय सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी है.

    गौरतलब है कि इससे पहले चर्चा थी कि पेरिस ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को ट्रायल से गुजरना होगा. 

    वहीं इससे पहले विश्व चैंपियन में मेडल लाने वाली महिला पहलवान विनेश फोगाट ने डब्ल्यूफआई, केंद्र और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से ट्रायल की तारीख, जगह और फॉर्मेट जारी करने की अपील की थी.

    इसके बाद, भारत की तरफ से कोटा जीतने वाली दो महिला पहलवान निशा और रितिका ने ओलंपिक के लिए ट्रायल न कराने की अपील की थी. उन्होंने समय की कमी, चोटों और वजन कम करने का हवाला दिया था.

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    'जिसे कोटा मिलेगा, वह ओलंपिक में भारत के लिए खेलेगा'

    संजय सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चयन समिति के सदस्य, पुरुष और महिला टीमों की बैठक इसका फैसला लिया गया है. सिंह ने ऐलान किया, "सबका फैसला यही था कि जिसे कोटा मिलेगा वह ओलंपिक के लिए भारत की ओर से खेलेगा."

    उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले से खिलाड़ियों को काफी राहत मिलेगी.

    डब्ल्यूएफआई के चीफ ने कहा, "खिलाड़ी अब राहत महसूस करेंगे और वे फोकस हो पाएंगे. हमें कोच जिस तरह का सुझाव देंगे उसके जरिए उन्हें विदेश में सबसे अच्छी ट्रेनिंग सुविधा उपलब्ध कराएंगे."

    पूर्व ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने भी इस फैसला को स्वागत किया है और कहा है कि यह पहले भी होता रहा है जो ओलंपिक कोटा जीतता था वही देश का प्रतिनिधित्व करता था.

    उन्होंने कहा, "इससे पहले, डब्ल्यूएफाआई की एड हॉक कमेटी ने ट्रायल कराने की बात कही थी, जिसके बाद कोटा जीतने वाले खिलाड़ियों में भ्रम की स्थिति थी. लेकिन अब, वे क्लीयर हैं. आशा है कि वे कड़ी मेहनत करेंगे और देश के लिए पदक लाएंगे. हमें कम से कम दो पदकों की उम्मीद है. नए लड़कों में बहुत ऊर्जा है. कुश्ती में बहुत नुकसान पहुंचा है, लेकिन हमारे खिलाड़ियों का मनोबल अच्छा है."

    मई में अमन सहरावत और निशा दहिया ने हासिल किया था कोटा

    भारत ने मई की शुरुआत में विश्व ओलंपिक कुश्ती क्वालीफायर में अपने अभियान में पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए कोटा हासलि किया था, जो पुरुष कटेगरी में अमन सहरावत और महिला कटेगरी में निशा दहिया ने पाए थे.

    इस जीत के साथ निशा और अमन ने भारतीय पहलवानों के कोटे को 6 तक पहुंचा दिया. ओलंपिक्स डॉट कॉम के अनुसार, इस्तांबुल की यह प्रतियोगिता भारत के लिए कुश्ती के लिए पेरिस 2024 कोटा हासिल करने के लिए आखिरी मौका थी.

    अमन सहरावत ने 57 किग्रा वजन में ओलंपिक 2024 कोटा हासिल किया था, जो पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए पुरुष फ्रीस्टाइल कटेगरी में भारत का पहला कोटा है. निशा ने इस प्रतियोगिता में महिलाओं के 68 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए दूसरा कोटा हासिल किया और इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए किसी भारतीय महिला पहलवान का 5वां कोटा बन गया.

    अंतिम पंघाल समेत इन्होंने हासिल किया बाकी कोटा

    अंतिम पंघाल (53 किग्रा) ने 2023 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान भारत के लिए पहला कोटा हासिल किया था. विनेश फोगाट (50 किग्रा), अंशू मलिक (57 किग्रा) और रीतिका हुडा (76 किग्रा) ने पिछले महीने बिश्केक में एशियाई क्वालीफायर के दौरान कोटा प्राप्त किया था.

    इस बीच, भारत ग्रीको-रोमन कुश्ती में कोटा हासिल करने में नाकाम रहा था. पिछले साल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले सुनील कुमार पुरुषों के 87 किग्रा के रेपेचेज दौर में हार गए थे. 

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