अमेरिका के रक्षा मंत्री से हुई बड़ी चूक, हूतियों पर हमले का पूरा प्लान पत्रकार से कर दिया शेयर

अमेरिका में एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने यमन के हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना गलती से एक पत्रकार के साथ साझा कर दी. इस घटना ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

US Defense Minister made a big mistake shared the entire plan of attack on Houthis with a journalist
डोनाल्ड ट्रंप/Photo- ANI

वॉशिंगटन: अमेरिका में एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने यमन के हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना गलती से एक पत्रकार के साथ साझा कर दी. इस घटना ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

कैसे लीक हुई गुप्त जानकारी?

मामला तब सामने आया जब अटलांटिक पत्रिका के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने खुलासा किया कि उन्हें हूती ठिकानों पर अमेरिकी हमले की जानकारी दो घंटे पहले ही मिल गई थी. यह सूचना एक सिग्नल ग्रुप चैट के जरिए गलती से साझा की गई, जिसमें कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी शामिल थे.

गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें अचानक एक ग्रुप चैट का निमंत्रण मिला, जिसे उन्होंने शुरू में अनदेखा कर दिया. लेकिन बाद में जब उन्होंने इसमें चल रही बातचीत पर गौर किया, तो पाया कि इसमें रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.

गोपनीय रणनीति पर खुली चर्चा

गोल्डबर्ग के अनुसार, चैट ग्रुप का नाम "हूती पीसी स्माल ग्रुप" था, जिसमें युद्ध रणनीति और हमले के संभावित समय पर चर्चा हो रही थी. चैट में मौजूद लोगों को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि एक पत्रकार भी इसे पढ़ रहा है.

उन्होंने बताया कि अमेरिकी स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:45 बजे हमले की योजना बनाई गई थी. जब उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए सोशल मीडिया देखा, तो पाया कि 10 मिनट बाद ही यमन की राजधानी सना में विस्फोटों की खबरें आने लगीं.

अमेरिकी राजनीति में उबाल

इस लापरवाही पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सांसद टिम वाल्ज ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा, "रक्षा मंत्री युद्ध की रणनीति किसी पार्टी के निमंत्रण की तरह भेज रहे हैं. यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है."

कांग्रेस में इस मामले की जांच की मांग उठने लगी है. कई अधिकारियों पर गोपनीय सूचनाएं लीक करने के आरोप लग सकते हैं.

क्या यह साइबर हमले का हिस्सा था?

गोल्डबर्ग ने शुरू में इस बात पर संदेह जताया कि यह कोई प्रोपेगेंडा या साइबर अटैक हो सकता है. लेकिन जब उन्होंने ग्रुप चैट में शामिल अधिकारियों से संपर्क किया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने इसकी पुष्टि की, तो यह स्पष्ट हो गया कि यह वास्तव में एक प्रशासनिक गलती थी.

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