नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में एक नया मोड़ आ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच वॉशिंगटन में हुई गर्मागर्म बहस के बाद अब यूक्रेन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति के लिए तैयार है. यूक्रेनी सांसद वादिम हलाईचुक ने कहा कि अगर अमेरिका से समर्थन नहीं भी मिलता, तो भी उनका देश रूस के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा.
यूक्रेन का 'प्लान B' क्या है?
यूक्रेन ने अपनी रक्षा रणनीति में अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर न रहने का फैसला किया है. हलाईचुक के मुताबिक, अगर अमेरिका ने सैन्य सहायता रोक दी, तो भी यूक्रेन अन्य स्रोतों से मदद लेने के लिए तैयार रहेगा. उन्होंने कहा, "हम अन्य देशों से आवश्यक हथियार और संसाधन जुटाने की क्षमता रखते हैं. हमारी सेना अब पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर हो चुकी है, खासकर ड्रोन तकनीक के मामले में."
यूरोपीय सहयोगियों पर भरोसा
यूक्रेन का कहना है कि यूरोपीय देशों और अन्य वैश्विक भागीदारों से भी उसे समर्थन मिल रहा है. फ्रंटलाइन पर यूक्रेन की ताकत बढ़ाने के लिए यूरोपीय सहयोगी हथियारों और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं.
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पहले भी झेल चुका है कठिनाइयां
हलाईचुक ने याद दिलाया कि इससे पहले भी यूक्रेन को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था. एक साल पहले अमेरिका से छह महीने तक सैन्य सहायता नहीं मिली थी, जिससे युद्ध के मोर्चे पर दबाव बढ़ गया था. लेकिन उस कठिन दौर में भी यूक्रेन ने अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए नए विकल्प तलाशे थे.
अब क्या करेगा यूक्रेन?
यूक्रेन ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा. हलाईचुक के अनुसार, "हम अपने सहयोगियों के साथ काम करते रहेंगे और जरूरत पड़ने पर नए गठबंधन बनाएंगे."
यूक्रेन के इस मजबूत रुख से साफ है कि वह केवल अमेरिकी समर्थन पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि अपने संसाधनों और वैश्विक संबंधों के जरिए रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा.
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