इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा क्षेत्र में हाल ही में एक असामान्य घटना सामने आई, जब उड़ान भरते समय पाकिस्तानी वायुसेना के एक लड़ाकू विमान का बाहरी ईंधन टैंक जमीन पर गिर गया. यह घटना उस समय हुई जब तीन फाइटर जेट एक साथ अभ्यास कर रहे थे. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन कई मवेशियों को नुकसान पहुंचा है.
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में इस तरह की घटना हुई हो. अप्रैल 2023 में भी रावलपिंडी के पास एक फाइटर जेट का ईंधन टैंक गिर गया था, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया था. 1997 में कराची में एक आवासीय इलाके में गिरा ईंधन टैंक छह लोगों की जान ले चुका है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह महज तकनीकी खामी है, या पाकिस्तान वायुसेना के बेड़े की गिरती गुणवत्ता का संकेत?
ड्रॉप टैंक: क्यों और कैसे गिराए जाते हैं?
फाइटर जेट्स में उनकी उड़ान सीमा को बढ़ाने के लिए बाहरी ईंधन टैंक लगाए जाते हैं, जिन्हें 'ड्रॉप टैंक' कहा जाता है. हालांकि, ये टैंक जेट के भार को बढ़ाते हैं और युद्ध या आपात स्थिति में पायलट को इन्हें गिराने का विकल्प दिया जाता है ताकि विमान की गति और नियंत्रण क्षमता बेहतर हो सके. लेकिन जब ये टैंक अनियंत्रित रूप से गिरने लगते हैं, तो यह चिंता का विषय बन जाता है.
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तकनीकी लापरवाही या जेट्स की खराब हालत?
पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों से लगातार ईंधन टैंक गिरने की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि या तो इनके रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है या फिर जेट्स की तकनीकी स्थिति बिगड़ती जा रही है. पाकिस्तान वायुसेना के पास ज्यादातर F-16, JF-17 और पुराने मिराज विमान हैं, जिनमें से कई दशकों पुराने हो चुके हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सही रखरखाव और नियमित जांच के अभाव में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो सकती हैं.
दुनिया में ड्रॉप टैंकों का इतिहास
ड्रॉप टैंकों का इस्तेमाल सबसे पहले स्पेनिश गृहयुद्ध (1936-1939) के दौरान किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों ने इसका व्यापक उपयोग किया. अमेरिकी पायलटों ने इन्हें युद्ध के दौरान अस्थायी बमों के रूप में भी इस्तेमाल किया. वियतनाम युद्ध के दौरान, अमेरिकी वायुसेना ने ड्रॉप टैंकों में विशेष ईंधन भरकर उन्हें नैपलम बम में बदल दिया था. हालांकि, बाद में इस रणनीति की काफी आलोचना हुई और अमेरिका ने नैपलम बमों का उपयोग बंद कर दिया.
पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
अगर पाकिस्तानी वायुसेना के फाइटर जेट्स से ईंधन टैंक बार-बार गिर रहे हैं, तो यह केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि एक सुरक्षा संकट भी बन सकता है. यह स्थानीय निवासियों के लिए खतरा पैदा कर सकता है और पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर सकता है. ऐसे में पाकिस्तानी सेना और सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
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