कीव: जब एक तरफ युद्धविराम की संभावनाओं पर बातचीत चल रही है, वहीं दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन पर घातक मिसाइल हमले कर एक बड़ा झटका दिया है. इन हमलों में कम से कम पांच नागरिकों की मौत हो गई है. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर लगी रोक हटा ली है और यूक्रेनी अधिकारियों ने 30 दिन के युद्धविराम के संकेत दिए हैं.
ज़ेलेंस्की के गृहनगर में मिसाइल हमले
यूक्रेनी बुनियादी ढांचा मंत्री ओलेक्सी कुलेबा ने बताया कि रूस ने बैलिस्टिक मिसाइलों से ओडेसा बंदरगाह पर खड़े एक जहाज को निशाना बनाया. इस हमले में चार सीरियाई नागरिकों की मौत हो गई, जो 18 से 24 वर्ष की उम्र के थे. यह हमला उस वक्त हुआ, जब जहाज पर अल्जीरिया भेजे जाने के लिए यूक्रेनी गेहूं लादा जा रहा था.
इसके अलावा, रूस ने मध्य यूक्रेन में राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के गृहनगर क्रीवीह रिह पर भी हमला किया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई.
अमेरिका ने किया युद्धविराम प्रस्ताव का समर्थन
अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम की संभावनाओं का समर्थन कर रहा है. वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधि विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के युद्धविराम प्रस्ताव को क्रेमलिन तक पहुंचाएगा.
रूबियो ने कहा, "हम रूस को इस प्रस्ताव से अवगत कराएंगे. अब यह उन पर निर्भर करता है कि वे हां कहते हैं या ना. अगर वे ‘ना’ कहते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि शांति में सबसे बड़ी बाधा कौन है."
रूस की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
फिलहाल रूस ने अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुए सैन्य सहायता समझौते और युद्धविराम प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्रि पेस्कोव ने कहा कि मॉस्को इस प्रस्ताव पर अमेरिका से विस्तृत जानकारी मिलने का इंतजार कर रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस किसी भी निर्णय पर तभी पहुंचेगा जब पूरी जानकारी उसके पास होगी.
क्या रूस बातचीत के लिए तैयार होगा?
ट्रंप प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस हफ्ते मॉस्को जा सकते हैं, जहां वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं.
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुए नए समझौते का स्वागत किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, "अब गेंद रूस के पाले में है. उन्हें तय करना होगा कि वे शांति चाहते हैं या युद्ध जारी रखना."
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