इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने की घोषणा की है. संगठन के प्रमुख नूर वली महसूद ने हाल ही में जारी एक वीडियो संदेश में पाकिस्तानी जनता से आह्वान किया कि वे सेना के खिलाफ 'जिहाद' में शामिल हों. इस ऐलान ने पाकिस्तानी प्रशासन और सेना के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है.
TTP के ऑपरेशन 'अल-खंदक' का ऐलान
वीडियो में महसूद ने 'ऑपरेशन अल-खंदक' के तहत पाकिस्तानी सेना के खिलाफ संगठित हमले करने की घोषणा की है. उन्होंने सेना पर बलूच और पश्तून समुदायों को निशाना बनाने, उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने और धार्मिक नेताओं की हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया है.
इसके अलावा, महसूद ने हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा में मस्जिद हक्कानिया पर हुए हमले के लिए भी सेना को जिम्मेदार ठहराया. उनका दावा है कि सेना कट्टर धार्मिक संगठनों और विद्वानों को निशाना बना रही है.
पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया और संभावित कार्रवाई
इस उग्र बयानबाजी के बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, जिन्हें 'मुल्ला मुनीर' के नाम से भी जाना जाता है, ने उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर हमले तेज करने की योजना बनाई है. यह कार्रवाई पाकिस्तान और तालिबान-शासित अफगानिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है.
क्या बढ़ेगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान का टकराव?
अगर पाकिस्तान अपनी सैन्य रणनीति के तहत अफगानिस्तान के भीतर हमले करता है, तो यह तालिबान प्रशासन के साथ उसके संबंधों को और खराब कर सकता है. पहले भी अफगान तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच कई बार संघर्ष हुआ है. ऐसे में, आने वाले दिनों में क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ने की आशंका है.
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