कीवः क्या डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को सत्ता से बाहर करने के लिए कोई गुप्त प्रयास कर रहे हैं? अमेरिकी अखबार द पॉलिटिको की एक ताजा रिपोर्ट ने इस सवाल को हवा दी है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के करीबी सहयोगियों ने जेलेंस्की के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से गुप्त रूप से मुलाकात की है, और यह वार्ता यूक्रेन में जल्द चुनाव कराने की संभावना पर केंद्रित रही.
रूस और अमेरिका की कोशिशें तेज
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि रूस और अमेरिका दोनों ही किसी न किसी रूप में जेलेंस्की को सत्ता से बाहर करने के प्रयासों में जुटे हैं. ट्रंप के करीबी सहयोगियों ने यूक्रेन के विपक्षी नेताओं, जैसे यूलिया तिमोशेंको और पूर्व राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको से संपर्क किया. यह बैठकें, जो गुप्त रखी गई थीं, इस संभावना पर चर्चा करने के लिए थीं कि क्या युद्धग्रस्त देश में जल्द चुनाव कराए जा सकते हैं.
कई आलोचकों का मानना है कि युद्ध और शरणार्थी संकट के चलते इस समय चुनाव कराना देश के लिए अराजकता को जन्म दे सकता है, और इसका फायदा रूस को हो सकता है. हालांकि, ट्रंप और उनके सहयोगियों को भरोसा है कि जेलेंस्की युद्ध की थकान और देश के भीतर बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर जनता में असंतोष का सामना कर रहे हैं, जिससे वह किसी चुनाव में हार सकते हैं.
यूक्रेन में सत्ता संघर्ष तेज
ट्रंप प्रशासन का यह कहना है कि वह यूक्रेन की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं और वे केवल शांति स्थापना के लिए सहयोगी की भूमिका निभाना चाहते हैं. इसके बावजूद, ट्रंप के आलोचक और यूक्रेन सरकार के समर्थक यह आरोप लगाते हैं कि उनका यह कदम दरअसल यूक्रेन की राजनीति में हस्तक्षेप है.
गुप्त बैठकों में इस बात पर भी चर्चा हुई कि राष्ट्रपति चुनाव अस्थायी संघर्षविराम के बाद और शांति वार्ता की शुरुआत से पहले आयोजित किए जाएं, जो रूस की लंबे समय से वकालत की गई रणनीति है. तिमोशेंको और पोरोशेंको, जो राष्ट्रपति चुनाव के पक्ष में नहीं हैं, ट्रंप के करीबी संपर्क में हैं और खुद को एक बेहतर विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं.
यह घटनाक्रम इस बात का संकेत दे रहा है कि यूक्रेन में सत्ता संघर्ष तेज हो रहा है. एक ओर जहां जेलेंस्की अपनी सत्ता को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ट्रंप और रूस दोनों ही उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए अपनी राजनीतिक चालें चल रहे हैं.
इस बीच, जेलेंस्की ने इस बात से साफ इनकार किया है कि वह अपने पद से हटने के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा कि यदि यूक्रेन को NATO की सदस्यता मिलती है, तो वह इस पर विचार कर सकते हैं.
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