'अच्छा हुआ जिक्र नहीं किया...'मजाकिया अंदाज में क्या बोले न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, मुस्कुरा दिए PM मोदी

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भारत के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान लक्सन ने हल्के-फुल्के अंदाज में क्रिकेट से जुड़ा एक मजाक किया.

'अच्छा हुआ जिक्र नहीं किया...'मजाकिया अंदाज में क्या बोले न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, मुस्कुरा दिए  PM मोदी
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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भारत के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान लक्सन ने हल्के-फुल्के अंदाज में क्रिकेट से जुड़ा एक मजाक किया, जिसे सुनकर पीएम मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए.

लक्सन का मजाक और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा, "मैं इस बात की सराहना करता हूं कि पीएम मोदी ने न्यूजीलैंड की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत से हार का जिक्र नहीं किया और मैंने भी भारत में हमारी टेस्ट जीतों का जिक्र नहीं किया. आइए इसे ऐसे ही रखें और किसी कूटनीतिक विवाद से बचें."
उनके इस मजाक को सुनकर वहां मौजूद लोग ठहाके लगाने लगे और खुद पीएम मोदी भी मुस्कुराते नजर आए. यह बयान दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों और सौहार्दपूर्ण माहौल को दर्शाता है.

पीएम मोदी और लक्सन के बीच अहम बैठक

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन के बीच एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने न्यूजीलैंड में सक्रिय भारत विरोधी खालिस्तानी तत्वों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि न्यूजीलैंड सरकार इन तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी.

खालिस्तान से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

विदेश सचिव जयदीप मजूमदार ने खालिस्तान से जुड़े मुद्दों पर की गई चर्चा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, "हम अपने मित्र देशों को उनके भीतर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों से सचेत करते हैं. ये तत्व स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति और अन्य लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग करते हुए आतंकवाद का महिमामंडन करते हैं और हमारे राजनयिकों, संसद और भारतीय कार्यक्रमों के खिलाफ हमले की धमकी देते हैं." विदेश सचिव ने यह भी बताया कि न्यूजीलैंड की सरकार ने इन चिंताओं को पहले भी गंभीरता से लिया है और इस बार भी इन्हें ध्यान में रखा है. भारत सरकार ने इस मुद्दे पर अपने विचार स्पष्ट रूप से जाहिर किए और दोनों देशों ने आपसी सहयोग की उम्मीद जताई.