अयोध्या में राम दरबार का भव्य सिंहासन तैयार, मकराना के सफेद पत्थर से बना गर्भगृह, देखें नई तस्वीरें

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामनवमी से पहले राम मंदिर की नई तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें भव्य राम दरबार के सिंहासन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. यह सिंहासन मकराना के श्वेत संगमरमर से निर्मित किया गया है और इसे मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा.

The grand throne of Ram Darbar is ready in Ayodhya the sanctum sanctorum is made of white stone of Makrana see new pictures
राम दरबार का भव्य सिंहासन/Photo- Internet

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामनवमी से पहले राम मंदिर की नई तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें भव्य राम दरबार के सिंहासन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. यह सिंहासन मकराना के श्वेत संगमरमर से निर्मित किया गया है और इसे मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा.

गर्भगृह और मंदिर परिसर का निर्माण कार्य लगभग पूरा

राम मंदिर का गर्भगृह विशिष्ट नक्काशीदार संगमरमर से बना है, जबकि मंदिर के खंभे जयपुर के गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित किए गए हैं. मंदिर के भव्य मंडप में भी अद्भुत शिल्प कला देखने को मिलेगी. ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा 14 और मंदिरों का निर्माण हो रहा है, जिनमें मूर्तियों की स्थापना के लिए 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) को शुभ तिथि निर्धारित की गई है, जबकि प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 5 जून (गंगा दशहरा) को होगा.

30 अप्रैल से पहले जयपुर से आएंगी मूर्तियां

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम दरबार सहित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां राजस्थान के जयपुर में तैयार की जा रही हैं. 30 अप्रैल से पहले ये मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी.

मंदिर परिसर में कुल 14 अन्य मंदिर भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें—

  • परकोटे में 6 मंदिर होंगे, जहां भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.
  • सप्त मंडपम क्षेत्र में 7 मंदिर निर्मित हो रहे हैं, जिनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.

मूर्तियों की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बैठक

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार देर शाम ज्योतिषाचार्यों के साथ बैठक की, जिसमें मूर्तियों की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की तिथियों को अंतिम रूप दिया गया.

  • 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) को मूर्तियों की स्थापना होगी.
  • 5 जून (गंगा दशहरा) को प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा.
  • ट्रस्ट महासचिव चंपत राय और निर्माण प्रभारी गोपाल राव भी इस बैठक में उपस्थित रहे.

रामलला का सूर्य तिलक: 6 अप्रैल को होगा विशेष अनुष्ठान

रामनवमी के दिन 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा. इस दौरान सूर्य की किरणें गर्भगृह में रामलला के ललाट पर पड़ेंगी, जिससे प्रतीकात्मक रूप से सूर्य नारायण भगवान राम को तिलक करेंगे.

इस दिन का संपूर्ण कार्यक्रम—

  • सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक रामलला का अभिषेक होगा.
  • 10:30 से 11:40 तक पट बंद रहेगा.
  • 11:45 तक रामलला का श्रृंगार होगा.
  • दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक के साथ विशेष आरती होगी.

यह कार्यक्रम टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारित किया जाएगा, जिससे देश-विदेश के भक्त अपने घर से ही इसका दर्शन कर सकेंगे.

मंदिर निर्माण का कार्य 96% पूरा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि—

  • राम मंदिर का निर्माण कार्य 96% तक पूरा हो चुका है और जून के पहले सप्ताह तक संपूर्ण निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है.
  • सप्त ऋषि मंदिरों का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है, जो मई के अंत तक पूर्ण हो जाएगा.
  • शेषावतार मंदिर का 40% कार्य पूरा हो चुका है.
  • संत तुलसीदास मंदिर बनकर तैयार है, और रामनवमी के दिन इसे श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.

भव्य आयोजन की तैयारियां तेज

ट्रस्ट ने यह भी बताया कि मंदिर में 944 किलो चांदी का चढ़ावा आया है, जिसे सिल्लियों में परिवर्तित कर बैंक लॉकर में रखा जाएगा.

मंदिर परिसर में जल्द ही भंडारा शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है, और भक्तों द्वारा फूल बंगला, वस्त्र, भोग और आरती के लिए सहयोग देने की इच्छा व्यक्त की गई है.

ऐतिहासिक आयोजन के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह

राम मंदिर में होने वाले इन विराट आयोजनों को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है. अयोध्या नगरी पूरी तरह त्योहारी माहौल में डूबी हुई है और यहां देशभर से भक्तों के आने की संभावना है.

रामलला की मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा के इस महायज्ञ में अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है.

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