कई लोगों पर रेप केस करने वाली महिला को सुप्रीम कोर्ट से फटकार, इसे बतााया कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन राकेश वालिया के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला पहले भी आठ अन्य लोगों पर इसी तरह के आरोप लगा चुकी है, जिससे यह मामला संदेह के घेरे में आ गया.

Supreme Court reprimands woman who filed rape case against many people calls it abuse of legal process
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन राकेश वालिया के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला पहले भी आठ अन्य लोगों पर इसी तरह के आरोप लगा चुकी है, जिससे यह मामला संदेह के घेरे में आ गया.

महिला ने कई लोगों पर लगाए रेप के आरोप

दिल्ली के महरौली थाने में 2021 में दर्ज की गई एफआईआर में महिला ने आरोप लगाया था कि उसे नशीला पदार्थ खिलाकर यौन शोषण किया गया. इस मामले में कैप्टन राकेश वालिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि यह पैसे उगाही का हथकंडा है और मामला पूरी तरह से झूठा है. हालांकि, हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.

जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि महिला ने जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया. इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि उसने अलग-अलग थानों में आठ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज कराई थीं.

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि, "यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है." कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता को पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिल जानी चाहिए थी.

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सेना के पूर्व अधिकारी राकेश वालिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया और इस मामले को न्यायपालिका के गलत इस्तेमाल का उदाहरण बताया.

फैसले का क्या है प्रभाव?

इस फैसले से फर्जी मामलों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत को बल मिला है. साथ ही, यह न्यायपालिका और कानून प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने में एक अहम कदम साबित हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग स्वीकार नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बना रहा है चीन! ड्रोन और सुपरकैरियर से कई देशों की बढ़ी चिंताएं