भारत अपनी वायुसेना को और भी ताकतवर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. देश में एक नई परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, जिसमें भारतीय खुद का पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट तैयार करेंगे. यह जेट अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा और दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम होगा. इसके निर्माण के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है, जो AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के निर्माण की योजना और रणनीति पर काम कर रही है. यह परियोजना भारत के रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है.
व्यावसायिक मॉडल में भी सुधार की योजना
इस कमिटी के अध्यक्ष रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह हैं. इसके अलावा, वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल एसपी धरकर, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार और DRDO और ADA के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कमिटी का हिस्सा हैं. कमिटी का उद्देश्य AMCA के डिजाइन से लेकर उड़ान भरने तक की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करना है. इसके लिए समय सीमा को कम करने और कार्यकुशलता को बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके साथ ही, व्यावसायिक मॉडल में भी सुधार की योजना है, जिससे निजी क्षेत्र को भी इस महत्वपूर्ण परियोजना में भागीदारी मिल सके.
इस बीच, पाकिस्तान जल्द ही चीन से J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है, और चीन ने पहले ही अपनी छठी पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन कर दिया है. ऐसे में, भारत के लिए AMCA का विकास और भी महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि वायुसेना की ताकत को मजबूती मिल सके और भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना किया जा सके. इसके अलावा, चीन ने अपनी पांचवीं पीढ़ी के J-20 जेट को भारत की सीमाओं के पास तैनात कर दिया है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंता और भी बढ़ गई है.
अत्याधुनिक तकनीकें शामिल की जाएंगी
कमिटी के द्वारा तैयार की जा रही AMCA परियोजना में विशेष स्टेल्थ फीचर जैसे आंतरिक हथियार रखने की जगह और विशेष आकार के एयर इनटेक होंगे. इस विमान में AI-पावर्ड इलेक्ट्रॉनिक पायलट सिस्टम, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, और इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल की जाएंगी, जिससे यह जेट युद्ध की स्थिति में अत्यधिक प्रभावी साबित होगा. इसके निर्माण में विदेशी तकनीक की मदद ली जाएगी, और इसमें प्रमुख कंपनियां जैसे अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक, फ्रांस की सफरान, और ब्रिटेन की रोल्स-रॉयस शामिल हैं.
AMCA के इंजन के बारे में भी खास योजना बनाई जा रही है. इसमें 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले इंजन का उपयोग होगा, जो इस विमान को मजबूती और गति प्रदान करेगा. इसके साथ ही, पहले दो स्क्वाड्रन में 98 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले इंजन होंगे, जबकि बाकी स्क्वाड्रन में 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले इंजन लगाए जाएंगे. इसके अलावा, वायुसेना ने 126 AMCA जेट्स को अपनी ताकत में शामिल करने की योजना बनाई है, जो सात स्क्वाड्रन बनाने में मदद करेंगे. इस परियोजना की लागत 15,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी.
भारत के पास वर्तमान में केवल 30 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि 42.5 स्क्वाड्रन की आवश्यकता है. अगले 10 वर्षों में, कुछ स्क्वाड्रन रिटायर भी होंगे, जो एक बड़ी चुनौती है. इस कमी को पूरा करने के लिए भारत ने 180 तेजस मार्क-1A जेट्स और 108 तेजस मार्क-2 जेट्स खरीदने की योजना बनाई है. इसके अलावा, 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) की खरीद का भी लंबा और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जिसमें विदेशी सहयोग लिया जाएगा.
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