महू (मध्य प्रदेश): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को 24 साल में महू का दौरा करने वाले पहले रक्षा मंत्री बनकर इतिहास रच दिया, जहां उन्होंने भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों की उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सराहना की.
रक्षा मंत्री की ये यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, क्योंकि उन्होंने भारतीय सेना के कर्मियों की सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल को आकार देने में इन संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया.
भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों का किया दौरा
राजनाथ सिंह भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों - आर्मी वॉर कॉलेज (AWC), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (MCTE) - महू, मध्य प्रदेश में, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दौरे पर थे.
उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में उनके योगदान को देखने के लिए आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया. सिंह ने इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास के साथ-साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई.
सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जवानों के साहस और सतर्कता की सराहना की. उन्होंने कहा, "आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है. आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं."
सशस्त्र बलों को रक्षा मंत्री की सलाह
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सतर्क नजर रखने और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया. महू मिलिट्री स्टेशन में अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारे जवान साधारण नहीं बल्कि बहुत खास हैं. जब भी आप कुछ करना चाहते हैं तो आप हिसाब-किताब नहीं करते, बल्कि सोचते हैं कि चाहे जो भी हो हमें यह करना ही है. आपका यह समर्पण इस देश के सभी नागरिकों को प्रेरित करता है. रक्षा मंत्री के तौर पर मैं कहना चाहता हूं कि हमें हमेशा खुद को सतर्क रखना होगा."
रक्षा मंत्री ने और क्या कहा?
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय होते हैं जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सैनिकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ समय रहते प्रभावी कदम उठाएं.
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और इस लक्ष्य को हासिल करने में सशस्त्र बल अहम भूमिका निभाएंगे.
उन्होंने कहा, "आप हमारी सीमाओं के रक्षक और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं. मुझे यकीन है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे."
इससे पहले, रक्षा मंत्री ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और उनके जन्मस्थान पर भारत रत्न और भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया.
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