यूक्रेन-रूस युद्ध को अब तीन साल से अधिक समय हो चुका है, और इस संकट को समाप्त करने के प्रयासों में गति आती हुई नजर आ रही है. व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ, अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि युद्ध विराम पर जल्द ही सहमति बन सकती है. हालांकि, इस कठिन संघर्ष को सुलझाने में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कीव के युद्ध विराम प्रस्ताव पर अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा समेत कई अन्य वैश्विक नेताओं का आभार व्यक्त किया, जो युद्ध विराम की दिशा में अपनी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. पुतिन ने इन नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे सभी इस संघर्ष को खत्म करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
क्या बोले पुतिन?
गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पुतिन ने कहा, "रूस युद्ध विराम के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन यह सहमति दीर्घकालिक शांति और संकट के असली कारणों के समाधान की उम्मीद पर आधारित है." पुतिन ने आगे कहा कि युद्ध विराम केवल एक कदम होगा, और रूस का उद्देश्य इस संकट के मूल कारणों को समाप्त करना है, ताकि भविष्य में शांति स्थापित की जा सके.
ट्रंप का धन्यवाद
जब पुतिन से यूक्रेन की युद्ध विराम की तत्परता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, "मैं इसे इस प्रकार देखता हूं कि युद्ध विराम की ओर यूक्रेन की रुचि अमेरिकी दबाव से प्रभावित हो सकती है. हालांकि, हम इस विषय पर विचार कर रहे हैं, और मैं राष्ट्रपति ट्रंप को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं. साथ ही, मैं उन सभी देशों के नेताओं का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रहे हैं. इनमें चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी शामिल हैं."
सऊदी अरब में हुए युद्ध विराम वार्ता के संदर्भ में पुतिन ने बताया कि यूक्रेन की युद्ध विराम की इच्छा अमेरिकी दबाव का परिणाम हो सकती है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई देशों के नेता इस संघर्ष के समाधान के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही, पुतिन ने ट्रंप के चुनावी वादों का भी उल्लेख किया, जिसमें यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का वादा शामिल था.
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