प्रियंका गांधी ने AIMIM प्रमुख ओवैसी पर साधा निशाना, कहा- वह BJP से मिले हुए हैं

    Priyanka Gandhi on Owaisi : कांग्रेस नेता रायबरेली पहुंची हैं जहां से उनके भाई राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने राहुल को भारी वोट से जिताने की अपील की.

    प्रियंका गांधी ने AIMIM प्रमुख ओवैसी पर साधा निशाना, कहा- वह BJP से मिले हुए हैं

    नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है. उन्होंने उन पर बीजेपी (BJP) से मिले होने का आरोप लगाया. गांधी ने ये बात उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में ये बात कही.

    कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, "मैं आपको बार-बार बता रहा हूं. असदुद्दीन औवेसी सीधे तौर पर बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. जहां भी भाजपा को जरूरत है कि वो किसी को खड़ा कर दें और बाकियों पार्टियों को पीछे रखने के लिए वो कर रहे हैं. तेलंगाना के चुनाव में यह बात बहुत स्पष्ट हो गई है.''

    गौरतलब है कि वायनाड के साथ-साथ राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रही रायबरेली से भी चुनाव लड़ रहे हैं. प्रियंका लगातार रायबरेली में पहुंचकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और अपने भाई राहुल गांधी को भारी मतों से जिताने की अपील की.

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    इससे पहले प्रियंका गांधी ने रायबरेली के मुंशीगंज में किसान शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंची थीं. 

    आज रायबरेली के मुंशीगंज में किसान शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

    सन 1921 में बाबा रामचंद्र जी और मदारी पासी जी के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेज सरकार ने किसानों पर गोलियां बरसाईं थीं। सैकड़ों किसान शहीद हो गए थे। इसके बाद पंडित मोतीलाल… pic.twitter.com/2RgYdMkzv4

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 9, 2024

    1921 में अंग्रेजों की गोलियों से शहीद हुए थे किसान, नेहरू हुए थे पहली बार गिरफ्तार

    प्रियंका गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर एक ट्वीट में लिखा है, "आज रायबरेली के मुंशीगंज में किसान शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. सन 1921 में बाबा रामचंद्र जी और मदारी पासी जी के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेज सरकार ने किसानों पर गोलियां बरसाईं थीं. सैकड़ों किसान शहीद हो गए थे. इसके बाद पंडित मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू जी रायबरेली पहुंचे और पीड़ित किसानों से मुलाकात की थी. इसी आंदोलन में पहली बार नेहरू जी गिरफ्तार हुए थे. यह शहीद स्मारक हमारे देश के किसानों के संघर्ष, शहादत, स्वतंत्रता आंदोलन और रायबरेली से कांग्रेस के सौ साल पुराने रिश्ते का प्रतीक है. महान शहीदों को नमन.

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