चंद्रयान-5 मिशन को मिली केंद्र की मंजूरी, सतह की स्टडी के लिए जाएगा 250kg का रोवर, जानें खास बातें

भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक और बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस मिशन में जापान भारत का सहयोगी होगा.

Chandrayaan-5 mission gets Centres approval 250kg rover will go to study the surface know the special things
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

बेंगलुरु: भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक और बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस मिशन में जापान भारत का सहयोगी होगा.

चंद्रयान-5: पहले से ज्यादा उन्नत और भारी रोवर

चंद्रयान-5 मिशन में चंद्रमा की सतह का गहराई से अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम वजनी रोवर भेजा जाएगा, जो चंद्रयान-3 के 25 किलोग्राम के रोवर की तुलना में दस गुना अधिक भारी और शक्तिशाली होगा. यह रोवर चंद्रमा की सतह पर अधिक डेटा संग्रह करेगा और विस्तृत वैज्ञानिक विश्लेषण में मदद करेगा.

चंद्रयान-4: 2027 में चंद्रमा से नमूने लाने की योजना

इसरो अध्यक्ष ने बताया कि 2027 में प्रस्तावित चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी और चट्टानों के नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर वापस लाना होगा. इस मिशन की मंजूरी केंद्र सरकार ने सितंबर 2024 में दी थी.

चंद्रयान-4 मिशन: जटिल संरचना और मॉड्यूल

स्टैक 1: लूनर सैंपल इकट्ठा करने के लिए एसेंडर और डिसेंडर मॉड्यूल.

स्टैक 2: प्रपल्शन, ट्रांसफर और री-एंट्री मॉड्यूल.

यह मिशन दो अलग-अलग रॉकेट्स, LVM-3 और PSLV का उपयोग करेगा. यह मिशन इसरो के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि साबित होगा.

आने वाले बड़े अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स:

गगनयान मिशन (2025): तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (400 किमी) में तीन दिनों के लिए भेजने की योजना.

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2028): पांच मॉड्यूल वाला स्पेस स्टेशन, जो अंतरिक्ष यात्रियों का स्थायी ठिकाना बनेगा.

चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट (2040 तक): भारत 2040 तक चंद्रमा पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है.

वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM - 2028): 1,236 करोड़ रुपए के बजट के साथ शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए प्रस्तावित यह मिशन शुक्र के वायुमंडल और उसकी सतह पर गहराई से शोध करेगा.

भारत की अंतरिक्ष यात्रा लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है. इन महत्वाकांक्षी मिशनों से न केवल देश की वैज्ञानिक प्रगति होगी, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की स्थिति भी और मजबूत होगी.

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