पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के हाईजैक होने से एक बड़ा संकट पैदा हो गया है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले के जरिए पाकिस्तान की सरकार और सेना को जबरदस्त चुनौती दी है. BLA का दावा है कि उसने ट्रेन पर सवार 214 सैन्य कर्मियों को मार डाला है, हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है और उसकी ओर से यह कहा गया है कि कुल 31 लोग मारे गए थे, जिनमें 18 सेना के जवान शामिल थे.
पाकिस्तान के झूठे दावे
बीएलए ने इस हमले में आम नागरिकों को छोड़ते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को अपना शिकार बनाया. पाकिस्तानी सेना ने घटना के तुरंत बाद एक ऑपरेशन शुरू किया था, जिसमें दावा किया गया कि सभी बंधकों को मुक्त करा लिया गया. हालांकि, बीएलए ने इस दावे को झूठा बताया और कहा कि सैन्य बंधकों की जान पाकिस्तान की जिद और निष्क्रियता की वजह से गई. पाकिस्तान सरकार ने भी आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे अफगानिस्तान का हाथ हो सकता है, और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है.
क्या अफगानिस्तान पर होगा अटैक?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि अफगानिस्तान में स्थित BLA के सरगना इस हमले में शामिल थे. साथ ही, पाकिस्तान ने यह आरोप भी लगाया कि भारत भी इस आतंकवादी गतिविधि में शामिल हो सकता है, जो कि पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है. पाकिस्तान का मानना है कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हमले का मास्टरमाइंड अफगानिस्तान में है, लेकिन इस संदर्भ में अधिक जानकारी देने से पाकिस्तान बचता रहा है.
अब पाकिस्तान के भीतर इस हमले को लेकर गुस्सा और आक्रोश देखने को मिल रहा है, और सरकार का मन भी बदला हुआ नजर आता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमला करने की योजना बना सकता है, ताकि अपनी खोई हुई इज्जत को वापस हासिल किया जा सके और इस हमले का बदला लिया जा सके. हालांकि, अभी तक इस हमले का समय और तरीका स्पष्ट नहीं हुआ है.
क्या है ट्रेन हाइजैक का मामला?
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर 14 मार्च को हुए हमले के दौरान लगभग 400 लोग सवार थे, जिनमें पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे. बीएलए ने अपने लोगों की रिहाई के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने उनकी मांगों को नकार दिया. इसके बाद बीएलए ने हमला किया और यह दावा किया कि उसने 214 सैन्य कर्मियों को मार डाला. हालांकि, इस दावे के बाद पाकिस्तान में स्थिति और भी जटिल हो गई है और लोग इस संघर्ष की सच्चाई को लेकर उलझन में हैं.
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