पुतिन-जिनपिंग से मुलाकात के पहले जेलेंस्की ने पीएम मोदी को किया फोन, चीन पहुंचते ही क्या हुई बातचीत?

    भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के बाद चीन के तियानजिन शहर पहुंचकर एक महत्वपूर्ण दौरे की शुरुआत की.

    Zelensky called PM Modi before meeting Putin-Jinping
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के बाद चीन के तियानजिन शहर पहुंचकर एक महत्वपूर्ण दौरे की शुरुआत की. उनका इस यात्रा पर जोरदार स्वागत हुआ, जो कि चीन और भारत के बीच बढ़ते संबंधों को और अधिक मजबूत करने का संकेत है. लेकिन इस यात्रा की शुरुआत कुछ और खास घटनाओं से भी जुड़ी रही, जिनमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ हुई एक फोन पर बातचीत ने बहुत सुर्खियां बटोरीं. यह बातचीत यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम थी, और पीएम मोदी के चीन पहुंचने के कुछ देर बाद ही हुई.

    पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच क्या हुई बातचीत?

    हालांकि, दोनों नेताओं के बीच की बातचीत के बारे में अधिक जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है, लेकिन यह संकेत साफ है कि यह बातचीत यूक्रेन संकट और इसके वैश्विक असर से संबंधित थी. जैसा कि हम जानते हैं, पिछले कुछ समय से भारत ने हमेशा इस मुद्दे पर एक संयमित और संतुलित रुख अपनाया है, जो ना तो रूस के खिलाफ जाता है और ना ही पूरी तरह से पश्चिमी देशों के दबाव में आता है. इस संदर्भ में पीएम मोदी की और राष्ट्रपति जेलेंस्की की बातचीत भी अहम हो सकती है, खासकर जब वैश्विक कूटनीतिक परिप्रेक्ष्य में भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत सामरिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूती देने की कोशिश कर रहा है.

    पीएम मोदी की नेताओं से होने वाली मुलाकात

    यूक्रेन से बात करने के बाद, पीएम मोदी का अगला बड़ा कूटनीतिक कदम 1 सितंबर को आयोजित एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करना होगा. यह बैठक वैश्विक राजनीति और सुरक्षा से जुड़ी कई जटिल मुद्दों पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण होगी, खासकर जब भारत को इन दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की जरूरत है.

    प्रधानमंत्री मोदी के रूस और चीन के साथ रिश्ते हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं, और इन दोनों मुलाकातों से यह उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी इन देशों के साथ नई रणनीतियों पर विचार करेंगे, जिससे भारत की कूटनीतिक स्थिति और मजबूत हो सके. एससीओ समिट एक ऐसा मंच है जहां इन वैश्विक ताकतों के बीच एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने और सामूहिक तौर पर निर्णय लेने का अवसर मिलता है.

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