UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों की पेयरिंग के बाद खाली पड़े स्कूल भवनों का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में करने का एक अहम निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत, राज्य सरकार ने रविवार को आदेश जारी किए हैं, जिससे आने वाले दो महीनों में इन भवनों को आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलने की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और पोषण सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया है.
दो महीने में पूरी होगी शिफ्टिंग
सरकार के आदेश के अनुसार, अगले 15 दिनों में सभी खाली स्कूल भवनों का सर्वेक्षण किया जाएगा. इसके बाद, अगले 15 दिनों में ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अभिभावकों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी ताकि शिफ्टिंग की प्रक्रिया को सुचारु रूप से लागू किया जा सके. सर्वेक्षण और बैठक के बाद, शिफ्टिंग के लिए उपयुक्त स्कूल भवनों को चिह्नित किया जाएगा और उनकी मरम्मत व साज-सज्जा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस कार्य को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है.
आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं में सुधार
इस कदम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं को बेहतर बनाना है. अब तक कई आंगनबाड़ी केंद्र असुविधाजनक स्थानों पर स्थित थे, जिनमें ना तो पर्याप्त स्थान था और ना ही सही सुविधाएं. खाली स्कूल भवनों को आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में तब्दील कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा. इसके परिणामस्वरूप बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बेहतर शिक्षा, पोषण और अन्य आवश्यक सेवाएं मिल सकेंगी.
संसाधनों का बेहतर उपयोग
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय शिक्षा और बाल विकास के क्षेत्र में संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अब तक खाली पड़े स्कूल भवनों का इस्तेमाल नहीं हो रहा था, जबकि इनका उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में करके बच्चों के विकास के लिए इन्हें एक सुसज्जित स्थान में बदला जाएगा. यह कदम न केवल आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी सशक्त बनाएगा.
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