BRICS समिट से गायब हुए शी जिनपिंग और पजश्कियान, पुतिन भी वर्चुअली जुड़ेंगे, क्या पर रही है खिचड़ी?

    ब्राजील में आज से शुरू हुई BRICS समिट इस बार कुछ बड़े नेताओं की अनुपस्थिति के चलते सुर्खियों में है.

    Xi Jinping and Pazhakyan missing from BRICS summit
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    ब्रासीलिया: ब्राजील में आज से शुरू हुई BRICS समिट इस बार कुछ बड़े नेताओं की अनुपस्थिति के चलते सुर्खियों में है. 11 सदस्य देशों की इस बैठक में जहां कई राष्ट्राध्यक्ष खुद मौजूद हैं, वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने व्यक्तिगत रूप से शामिल न होकर अलग संदेश दिया है.

    पहली बार BRICS समिट में जिनपिंग गैरमौजूद

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जिन्होंने 2013 में सत्ता संभालने के बाद BRICS को पश्चिम के प्रभावों का मुकाबला करने वाला मंच बनाने में अहम भूमिका निभाई, इस बार समिट में शामिल नहीं हो रहे हैं. उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

    यह पहली बार है जब शी जिनपिंग BRICS सम्मेलन में शरीक नहीं हो रहे. हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मतलब BRICS से दूरी नहीं है.
    सिंगापुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चोंग जा ईआन के मुताबिक, "चीन के लिए BRICS अब भी एक वैकल्पिक कूटनीतिक मंच है, लेकिन फिलहाल देश की आर्थिक चुनौतियों और आगामी राजनीतिक रणनीति को प्राथमिकता दी जा रही है."

    हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ब्रायन वोंग ने भी साफ किया कि शी की गैरमौजूदगी को BRICS की अवहेलना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह कदम घरेलू प्राथमिकताओं को लेकर लिया गया है.

    ब्राजील के लिए शी का न आना बड़ा मुद्दा नहीं

    हालांकि शी जिनपिंग की अनुपस्थिति को लेकर कूटनीतिक हलकों में चर्चा जरूर है, लेकिन ब्राजील के लिए यह कोई अप्रत्याशित या नकारात्मक संकेत नहीं माना जा रहा. राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा और शी के बीच पहले से ही मजबूत रिश्ते हैं.

    नवंबर 2024 में G-20 समिट के दौरान शी जिनपिंग ब्राजील आए थे और दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण समझौते किए थे. वहीं मई 2025 में लूला बीजिंग की यात्रा कर चुके हैं. इससे दोनों देशों के रिश्ते में स्थिरता बनी हुई है.

    पुतिन भी नहीं आए, वर्चुअली होंगे शामिल

    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बार भी वर्चुअली ही समिट से जुड़ेंगे. 2023 की साउथ अफ्रीका समिट की तरह इस बार भी वह वीडियो लिंक के जरिए अपना संबोधन देंगे. इसकी एक अहम वजह है इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट, जिसमें पुतिन पर यूक्रेन युद्ध में युद्ध अपराधों के आरोप हैं.

    ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका की तरह ICC का सदस्य है, इसलिए पुतिन की यात्रा पर कानूनी अड़चनें थीं. इस संवेदनशील स्थिति को देखते हुए वर्चुअल भागीदारी को ही बेहतर विकल्प माना गया.

    ईरान के राष्ट्रपति भी अनुपस्थित, विदेश मंत्री पहुंचे

    ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान भी समिट में नहीं पहुंच सके हैं. उनकी जगह विदेश मंत्री अब्बास अराघची प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ईरान, जो 2024 में ही BRICS का हिस्सा बना, फिलहाल आंतरिक और क्षेत्रीय हालात के चलते सतर्क मुद्रा में है.

    सूत्रों के मुताबिक, हाल में इजराइल और ईरान के बीच तनाव के चलते राष्ट्रपति पजशकियान देश में रहकर सुरक्षा और कूटनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

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