'कभी भी छिड़ सकता है वर्ल्ड वॉर 3', नितिन गडकरी ने क्यों कही ये बात?

    World War 3: वैश्विक मंचों पर बढ़ते सैन्य तनावों और तकनीकी हथियारों के उपयोग को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंभीर चिंता जताई है. रविवार, 6 जुलाई 2025 को नागपुर में आयोजित 'बियॉन्ड बॉर्डर्स' पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया इस वक्त संघर्ष के सबसे खतरनाक दौर से गुजर रही है.

    World War 3 Starting Soon Nitin Gadkari Claims
    Image Source: ANI

    World War 3: वैश्विक मंचों पर बढ़ते सैन्य तनावों और तकनीकी हथियारों के उपयोग को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंभीर चिंता जताई है. रविवार, 6 जुलाई 2025 को नागपुर में आयोजित 'बियॉन्ड बॉर्डर्स' पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया इस वक्त संघर्ष के सबसे खतरनाक दौर से गुजर रही है, और हालात ऐसे बन चुके हैं कि कभी भी तीसरा विश्व युद्ध भड़क सकता है. 

    गडकरी ने कहा कि आज युद्ध सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आम नागरिक भी इसकी सीधी चपेट में आ रहे हैं. आधुनिक युद्ध तकनीकों जैसे ड्रोन, मिसाइल और सैटेलाइट हथियारों की वजह से युद्ध का चेहरा बदल चुका है.

    "युद्ध अब केवल सैनिकों का नहीं रहा" 

    गडकरी ने अपने भाषण में साफ कहा कि आज का युद्ध केवल फौजियों और मोर्चों तक सीमित नहीं रहा. अब मिसाइलें और ड्रोन सीधे नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं, जिससे मानवीय संकट और अधिक गंभीर होता जा रहा है. उन्होंने आगाह किया कि अब यह संघर्ष केवल सैन्य नहीं, बल्कि नैतिक, सामाजिक और मानवीय युद्ध का रूप ले चुका है.

    महाशक्तियों की तानाशाही ने बिगाड़ा संतुलन

    गडकरी ने वैश्विक महाशक्तियों के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संयम, सद्भाव और सहयोग की भावना खत्म होती जा रही है. महाशक्तियों का तानाशाही रवैया दुनिया को हिंसा की ओर धकेल रहा है. उन्होंने कहा, "मानवता की रक्षा अब पहले से कहीं अधिक कठिन हो गई है, क्योंकि अब युद्ध का निशाना सीमाओं के पार आम लोग बनते जा रहे हैं."

    भारत को निभानी होगी नेतृत्वकारी भूमिका

    गडकरी ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह देश सदैव सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देता आया है. ऐसे में भारत की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वह मौजूदा वैश्विक तनावों में शांति और समन्वय की पहल करे. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रणनीतिक और कूटनीतिक नीति की पुनर्समीक्षा करनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विदेश नीति का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि मानवता की रक्षा और वैश्विक स्थिरता हो.

    मध्य-पूर्व और यूरोप की बढ़ती अशांति के बीच चेतावनी

    गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच टकराव और रूस-यूक्रेन युद्ध फिर से तेज़ हो चुका है. इन दो मोर्चों पर गहराता युद्ध पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बन चुका है, और भारत जैसे संतुलित राष्ट्रों से उम्मीद की जा रही है कि वे शांति स्थापना की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं.

    यह भी पढ़ें: बैंकों में मिनिमम बैलेंस रखने की टेंशन हो सकती है खत्म, ग्राहकों को मिल सकती है बड़ी राहत