वाशिंगटन: दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका ने जहां एक ओर भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर दबाव बनाया, वहीं दूसरी ओर खुद को ऐसी स्थिति में पाया जहां उसे रूस से 'मुर्गी के अंडे' तक खरीदने पड़ गए. यह मामला केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक विडंबना बन गया है.
क्या है पूरा मामला?
2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए आक्रमण के बाद अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने मास्को पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. इनका मकसद रूस को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करना, उसकी अर्थव्यवस्था को झटका देना और युद्ध क्षमता को सीमित करना था. लेकिन अब, परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बन गई हैं कि अमेरिका ने जुलाई 2025 में रूस से मुर्गियों के अंडे आयात किए हैं, जो 1992 के बाद पहली बार हुआ है.
यह जानकारी रूसी सरकारी समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती ने दी है, जिसमें अमेरिका के सरकारी व्यापारिक आंकड़ों का हवाला दिया गया है.
कितने अंडे खरीदे गए और क्यों?
जुलाई 2025 में, अमेरिका ने लगभग 4.55 लाख डॉलर (करीब 3.8 करोड़ रुपये) के अंडे रूस से आयात किए. इसकी वजह बनी अमेरिका के पोल्ट्री उद्योग पर आया बर्ड फ्लू का कहर, जिसने देश भर में अंडों की भारी कमी पैदा कर दी.
एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 तक एक दर्जन अंडों की कीमत $7 तक जा पहुंची, जो कि एक आम अमेरिकी नागरिक की जेब पर बड़ा बोझ है. हालांकि जुलाई तक इसमें थोड़ी कमी आई, लेकिन कीमतें अब भी 16.4% अधिक बनी हुई हैं.
पूर्व प्रशासन पर आरोप
व्हाइट हाउस की मौजूदा प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इस संकट के लिए सीधे तौर पर पूर्व बाइडेन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने सत्ता छोड़ने से पहले करीब 80 लाख मुर्गियों को बिना रणनीति के मारने का आदेश दिया, जिससे सप्लाई और बिगड़ गई.
अमेरिका खुद कर रहा है रूस से व्यापार
ये वही अमेरिका है, जिसने भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदने पर खुलेआम चेतावनी दी थी और भारतीय उत्पादों पर 50% तक अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि:
2024 में अमेरिका ने रूस से लगभग 3 अरब डॉलर का सामान आयात किया.
इनमें शामिल हैं:
यह बात स्पष्ट करती है कि अमेरिका ने भले ही सार्वजनिक रूप से रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हो, लेकिन आवश्यकताओं के आगे प्रतिबंधों की दीवारें भी झुक जाती हैं.
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