Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद से देशभर में आक्रोश था. बदला लेने की उम्मीद सभी को थी, जिसे पूरा कर लिया गया है. भारत सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के घर में घुसरकर उसको उसी की भाषा में जवाब दिया. इस ऑपरेशन को एक खास नाम भी दिया गया. 'ऑपरेशन सिंदूर' इस ऑपरेशन के बाद सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके मकसद के बारे में बताया. कर्नल सोफिया कुरेशी और विंग कमांंडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संंबोधित करते हुए इस ऑपरेशन को लेकर बड़ा खुलासा किया है.
क्यों किया गया ऑपरेशन सिंदूर?
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया कुरेशी ने कहा कि मासूम पर्यटक और उनके परिवारों को न्याय दिलवाना था. जो पाकिस्तान और PoK दोनों में फैले हैं. कर्नल सोफिया ने कहा, "9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया और ध्वस्त किया गया. पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान ने व्यवस्थित तरीके से आतंकी ढांचे का निर्माण किया, जो आतंकी कैंपों और लॉन्चपैड्स के लिए पनाहगाह रहा है. उत्तर में सवाई नाला और दक्षिण में बहावलपुर में स्थित मशहूर प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया."
शिविरों को निशाना बनाया गया
इसी दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में मरीदके और बहावलपुर स्थित आतंंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया. यही वे स्थान हैं जहां 2008 मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षण दिया गया था. कर्नल कुरैशी ने बताया कि, “वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि मुरीदके सहित कई आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए गए. ‘मार्कज सुब्हान अल्लाह’, जो कि बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, भी इस ऑपरेशन का हिस्सा था।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान में किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और अब तक किसी आम नागरिक की मौत की कोई खबर नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह न्याय आधारित था. इसमें आतंकियों के अड्डों को ही निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो.” उन्होंने यह भी कहा कि सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक तबाह किया गया है और यह संदेश स्पष्ट है कि भारत अपने नागरिकों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा.
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