नई दिल्ली: हम सबने अपने जीवन में कहीं न कहीं कुएं को जरूर देखा है, चाहे वह हमारे गांव में हो या फिर किसी दूर-दराज के इलाके में. आजकल घरों में वॉटर प्यूरीफायर की सुविधा होने के कारण कुएं का इस्तेमाल कुछ कम हुआ है, लेकिन आज भी बहुत से छोटे गांवों और कस्बों में लोग कुएं का पानी उपयोग करते हैं. पानी की शीतलता और स्वच्छता के कारण यह एक लोकप्रिय स्रोत है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुएं का आकार हमेशा गोल ही क्यों होता है? क्यों नहीं कुएं का आकार चौकोर या तिकोना होता? आइए, जानते हैं इसके पीछे की वजह.
गोल आकार क्यों है बेहतर?
कुएं का गोल आकार न सिर्फ उसकी मजबूती को बढ़ाता है, बल्कि यह पानी के दबाव को भी समान रूप से सहन करने में मदद करता है. जब कुएं की खुदाई गहरे तक की जाती है, तो चारों ओर से मिट्टी और पत्थरों का दबाव कुएं की दीवारों पर पड़ता है. यदि कुआं चौकोर या तिकोना होगा, तो उसके कोनों पर दबाव ज्यादा होगा. इससे कोनों में दरारें पड़ सकती हैं और दीवारों का टूटने का खतरा बढ़ सकता है. इसके विपरीत, गोल आकार में दबाव समान रूप से चारों ओर बंट जाता है. यही कारण है कि गोल आकार के कुएं ज्यादा टिकाऊ और मजबूत होते हैं.
समान दबाव का महत्व
गोल कुएं में जब पानी भरा जाता है, तो चारों दीवारों पर समान दबाव पड़ता है, जिससे दीवारें मजबूत बनती हैं और वे लंबे समय तक सुरक्षित रहती हैं. वहीं, चौकोर या तिकोने कुएं में यह दबाव असमान रूप से फैलता है, जिससे कुएं में दरारें और टूटने की संभावना बढ़ जाती है. यही कारण है कि गोल कुएं का इस्तेमाल सैकड़ों सालों से किया जा रहा है, और उनकी संरचना आज भी बरकरार है.
लंबे समय तक टिकाऊ
गोल आकार का कुआं लंबे समय तक स्थिर रहता है. क्योंकि गोलाकार रूप में, मिट्टी और पत्थर का दबाव एक समान होता है, इससे कुएं की दीवारों को ढहने का खतरा कम होता है. यही कारण है कि पुरानी सभ्यताओं में बने कुएं आज भी खड़े हैं और काम कर रहे हैं.
आसान सफाई और जल प्रवाह
गोल आकार का कुआं खुदाई के दौरान स्वाभाविक रूप से बन जाता है, और इस आकार में सफाई करना भी आसान होता है. चौकोर या तिकोने कुएं में गंदगी जमा हो सकती है, जिससे पानी प्रदूषित हो सकता है. गोल कुएं का आकार पानी के प्रवाह को भी बिना किसी रुकावट के बनाए रखता है, जिससे पानी हमेशा साफ और ताजगी से भरपूर रहता है.
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