भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गई पाकिस्तान की कायराना हरकत का जवाब दे दिया है. भारतीय वायुसेना ने 6 मई की आधी रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में घुसकर नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. इस रणनीतिक सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है.
इस ऑपरेशन की जानकारी एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से साझा की गई, जिसमें भारतीय वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह और थलसेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन के उद्देश्य, उसकी तैयारी और परिणामों के बारे में विस्तार से बताया.
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक अनुभवी और साहसी हेलीकॉप्टर पायलट हैं. उनका सपना बहुत कम उम्र में शुरू हुआ था. छठी कक्षा में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वह आसमान की ऊंचाइयों को छूएंगी. उनके माता-पिता ने उनका नाम ‘व्योमिका’, यानी ‘आकाश में विचरण करने वाली’, रखा था. उन्होंने सचमुच अपने नाम को चरितार्थ कर दिखाया.
2500 से ज्यादा घंटे उड़ा चुकीं फ्लाइट्स
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने वायुसेना जॉइन की और हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया. 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में परमानेंट कमीशन मिला. विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम 2500 से अधिक उड़ान घंटे दर्ज हैं. वह चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों को खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में उड़ाने का व्यापक अनुभव रखती हैं.
आपदा हो या मिशन – हर मोर्चे पर तत्पर
उन्होंने 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक कठिन बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. खराब मौसम और ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्रों में यह मिशन काफी चुनौतीपूर्ण था. इसके अलावा, उन्होंने 2021 में माउंट मनीरंग (21,650 फीट) पर एक पर्वतारोहण मिशन में भाग लिया, जिसमें तीनों सेनाओं की महिला अधिकारी शामिल थीं.
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम
प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्योमिका सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने यह कार्रवाई पूरी रणनीतिक तैयारी के साथ की. ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य सीमापार आतंकी ठिकानों को तबाह करना था, जिससे भविष्य में भारत पर होने वाले हमलों को रोका जा सके. यह कार्रवाई उन संगठनों के खिलाफ थी जो पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में सक्रिय हैं और सीमा पार से भारत में आतंक फैलाते हैं.
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