वाशिंगटन/नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना द्वारा हाल में संचालित "ऑपरेशन सिंदूर" न केवल एक रणनीतिक सफलता के रूप में उभरा है, बल्कि इसने आधुनिक युद्ध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के प्रभावशाली उपयोग का उदाहरण भी पेश किया है. अमेरिका सहित कई देशों के रक्षा विशेषज्ञों ने इस ऑपरेशन की सराहना की है और इसे आधुनिक सैन्य रणनीति का मील का पत्थर बताया है.
पूर्व अमेरिकी F-16 पायलट और सैन्य विशेषज्ञ रायन बॉडनहाइमर के अनुसार, “भारतीय वायुसेना द्वारा अपनाई गई तकनीक ने यह दिखा दिया है कि अब युद्ध केवल शक्ति का नहीं, तकनीक की सटीकता का भी खेल बन चुका है.”
ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति: भ्रम का विज्ञान
ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक रणनीति अपनाई, जिसमें दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम को भ्रमित करने के लिए AI-आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया गया. इस प्रक्रिया में एक विशेष उपकरण X-Guard का प्रयोग किया गया, जिससे पाकिस्तान के रडार सिस्टम को यह भ्रम हुआ कि वे असली फाइटर जेट को निशाना बना रहे हैं, जबकि वास्तव में वे एक झूठे लक्ष्य (decoy) को ट्रैक कर रहे थे.
X-Guard: आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डिकोय सिस्टम
X-Guard, जिसे इज़रायली डिफेंस कंपनी Rafael Advanced Defense Systems ने विकसित किया है, एक हल्का (~30 किलो) और अत्याधुनिक electronic countermeasure system है. इसे फाइटर जेट से एक फाइबर ऑप्टिक केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है और उड़ान के दौरान यह विमान के पीछे लगभग 100 मीटर की दूरी पर लटकता है.
यह प्रणाली वास्तविक जेट के समान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल्स प्रसारित करती है, जिससे दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम को यह भ्रम होता है कि वही असली टारगेट है. जब मिसाइल लॉन्च होती है, तो वह X-Guard को निशाना बनाती है, जबकि असली फाइटर जेट उस समय तक अपने मिशन को पूरा कर चुका होता है.
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को किया निष्क्रिय
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के एयर डिफेंस नेटवर्क में चीन निर्मित J-10C रडार सिस्टम और PL-15E मिसाइलें शामिल थीं. भारत की इस तकनीक ने इन प्रणालियों को सफलतापूर्वक भ्रमित किया. पाकिस्तान के ऑपरेटरों को ऐसा लगा कि उन्होंने भारतीय विमानों को निशाना बना लिया है, लेकिन वास्तव में वे X-Guard डिवाइस को ही ट्रैक और एंगेज कर रहे थे.
AI और डेटा की भूमिका: युद्ध की नई दिशा
इस ऑपरेशन को सैन्य इतिहास में पहली बार AI-सक्षम तकनीकों और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की इस स्तर की समन्वित तैनाती माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में युद्ध केवल गोला-बारूद और बल पर नहीं, बल्कि डेटा, सिग्नल, सेंसर और सॉफ़्टवेयर पर आधारित होंगे.
देखें राफेल का वीडियो- https://www.youtube.com/embed/kW9Fs2TVNa0?si=Q4DOZeOESrru2mFS
रणनीतिक संदेश: तकनीकी श्रेष्ठता की नई मिसाल
ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध किया कि भारत केवल पारंपरिक सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय रक्षा समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है और अमेरिका से लेकर यूरोप तक के विश्लेषक इसकी रणनीति और निष्पादन की गहन समीक्षा कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- भारत तैयार कर रहा है 'ड्रोन आर्मी', 2,000 करोड़ का होगा निवेश, तुर्की-चीन-पाकिस्तान की उड़ेगी नींद!