What is Session App: दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की जांच में कुछ अहम जानकारी सामने आई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है. इस घटना में शामिल आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल और डॉक्टर उमर के बारे में यह पता चला है कि उन्होंने अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए एक विशेष मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल किया था, जिसका नाम "सेशन" है. यह ऐप उनके कम्यूनिकेशन को पूरी तरह से सुरक्षित रखता था, जिससे उनकी बातचीत एजेंसियों तक नहीं पहुंच पाई. इस ऐप को उनके हैंडलर, अबू उकसा ने सुझाया था ताकि उनका संदेश सुरक्षित रहे और किसी भी तरह की लीक से बचा जा सके. आइए जानते हैं, यह "सेशन" ऐप कैसे काम करता है और इसकी खासियतें क्या हैं.
"सेशन ऐप" क्या है?
"सेशन" एक एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप है, जिसे विशेष रूप से यूजर की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक, यह ऐप यूजर के डेटा को पूरी तरह से सुरक्षित रखता है और इसे किसी भी थर्ड पार्टी से साझा नहीं करता. यह डिसेंट्रलाइज्ड ऐप है, जिसका मतलब है कि इसमें कोई केंद्रीय सर्वर नहीं होता, जिससे डेटा लीक होने का खतरा काफी कम हो जाता है. प्राइवेसी एक्सपर्ट्स द्वारा डिजाइन किया गया यह ऐप यूजर के संदेशों को हैकर्स से बचाने के लिए सुरक्षित पाथ्स का उपयोग करता है. खास बात यह है कि इसका कोड ओपन सोर्स है, यानी कोई भी व्यक्ति इस ऐप का कोड देख सकता है और उसे ऑडिट कर सकता है.
यह ऐप कैसे काम करता है?
"सेशन" ऐप की एक सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पर अकाउंट बनाने के लिए मोबाइल नंबर की जरूरत नहीं होती, जो अन्य मैसेजिंग ऐप्स का सामान्य तरीका होता है. इसका मतलब है कि यूजर का नाम, मोबाइल नंबर या कोई अन्य व्यक्तिगत जानकारी सिस्टम में दर्ज नहीं होती. इसके अलावा, यह ऐप मेटाडेटा भी स्टोर नहीं करती, जिससे किसी भी मैसेज को ट्रैक करना या यूजर की पहचान करना लगभग असंभव हो जाता है. ऐप वेब ट्रैफिक को मल्टीपल सर्वर से रूट करती है, जिससे यूजर का IP एड्रेस और लोकेशन छिप जाता है. इससे यूजर की पहचान करना और उसकी गतिविधियों का पता लगाना कठिन हो जाता है.
सुरक्षा और प्राइवेसी की गारंटी
"सेशन" ऐप का दावा है कि इस पर होने वाली बातचीत पूरी तरह से एनक्रिप्टेड होती है, और केवल दो व्यक्ति, जो चैटिंग कर रहे होते हैं, वे ही उस बातचीत को देख सकते हैं. इसके अलावा, यह ऐप यूजर को एनक्रिप्शन कीज को मैनेज करने की सुविधा भी देती है, जिससे यूजर की प्राइवेसी और भी मजबूत होती है. यह फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो किसी कारणवश अपनी बातचीत को पूरी तरह से गोपनीय रखना चाहते हैं.
"सेशन" ऐप का इस्तेमाल क्यों कर रहे थे आरोपी?
दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल और डॉक्टर उमर के द्वारा "सेशन" ऐप का उपयोग इस बात को साबित करता है कि यह ऐप किस तरह से संवेदनशील बातचीत को सुरक्षित रखने के लिए अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है. "सेशन" की सुविधाएं, जैसे कि मोबाइल नंबर की आवश्यकता न होना, मेटाडेटा का न होना, और चैट्स का एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होना, इसे एक आदर्श टूल बनाती हैं उन लोगों के लिए, जो अपनी गतिविधियों को छुपाना चाहते हैं. अबू उकसा, जो इनके हैंडलर थे, ने इन्हें यह ऐप इस्तेमाल करने की सलाह दी थी, ताकि उनकी बातचीत सुरक्षित रहे और किसी प्रकार की निगरानी से बच सकें.
क्या यह ऐप सुरक्षित है?
"सेशन" ऐप की सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर किए गए दावों ने इसे एक खास स्थान दिलाया है. हालांकि यह ऐप वैध उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षा गार्ड की तरह काम करता है, लेकिन अपराधी इसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं. इस ऐप के माध्यम से अपराधी अपनी योजनाओं को पूरी तरह से गुप्त रख सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन्हें ट्रैक करना अत्यंत कठिन हो जाता है. इसलिए, "सेशन" जैसे ऐप्स की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, इस पर निगरानी रखने की आवश्यकता और बढ़ गई है, ताकि इसका दुरुपयोग न हो.
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