Tariff vs Tax: टैक्स और टैरिफ में क्या है फर्क? आसान भाषा में समझिए!

    Tariff vs Tax: टैक्स और टैरिफ दोनों ही शब्द सरकार की आमदनी से जुड़े हैं, लेकिन इनके बीच बड़ा अंतर है. टैक्स वह रकम है जो सरकार देश के नागरिकों, व्यवसायों और कंपनियों से सीधे लेती है. इसका उपयोग देश के विकास कार्यों जैसे स्कूल, अस्पताल, सड़क निर्माण और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए किया जाता है. 

    What is the difference between tax and tariff Understand in simple language
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    Tariff vs Tax: टैक्स और टैरिफ दोनों ही शब्द सरकार की आमदनी से जुड़े हैं, लेकिन इनके बीच बड़ा अंतर है. टैक्स वह रकम है जो सरकार देश के नागरिकों, व्यवसायों और कंपनियों से सीधे लेती है. इसका उपयोग देश के विकास कार्यों जैसे स्कूल, अस्पताल, सड़क निर्माण और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए किया जाता है. 

    वहीं टैरिफ खास तौर पर विदेशी वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर है, जो घरेलू उद्योगों को बचाने और विदेशी सामान को महंगा करने का काम करता है.

    टैक्स के प्रकार और महत्व

    टैक्स कई तरह के होते हैं. सबसे आम है इनकम टैक्स, जो आपकी कमाई पर लगाया जाता है. इसके अलावा जीएसटी भी है, जो वस्तु या सेवा खरीदने पर लगता है. जब हम बाजार से कोई सामान खरीदते हैं, तो बिल में टैक्स की राशि जुड़ी होती है, जो बाद में सरकार तक पहुंचती है. टैक्स देश के अंदर की आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा होता है और यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है.

    टैरिफ क्या है और क्यों लगाया जाता है?

    टैरिफ केवल विदेश से आयातित सामान पर लगाया जाता है. इसका मकसद देश के स्थानीय उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना होता है. जब किसी विदेशी उत्पाद पर टैरिफ बढ़ा दिया जाता है, तो वह महंगा हो जाता है, जिससे लोग घरेलू उत्पाद खरीदना पसंद करते हैं. टैरिफ दो प्रकार के होते हैं, आयात शुल्क और निर्यात शुल्क. आयात शुल्क विदेश से आने वाले सामान पर लगता है, जबकि निर्यात शुल्क देश से बाहर भेजे जाने वाले माल पर. टैरिफ के जरिए सरकार व्यापार को नियंत्रित भी कर सकती है.

    टैक्स और टैरिफ दोनों की अहमियत

    टैक्स देश के अंदर की कमाई और खर्च पर लगाया जाता है, जबकि टैरिफ विदेशी व्यापार से जुड़ा होता है. दोनों का मकसद और कार्यक्षेत्र अलग है, लेकिन दोनों देश की आर्थिक मजबूती के लिए जरूरी हैं. टैक्स से जुटाई गई राशि का उपयोग देश के विकास और बुनियादी जरूरतों के लिए होता है, वहीं टैरिफ घरेलू उद्योगों को मजबूत करने और विदेशी वस्तुओं को महंगा करने में मदद करता है.

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