अभी नहीं थमेगी यूक्रेन और रूस के जंग की आग! ट्रंप के ही खास विटकॉफ ने दिया बड़ा झटका; कह डाली ये बात

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर आशंकाएं गहराती जा रही हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हालात जिस दिशा में जा रहे हैं, उसे देखकर नहीं लगता कि यह युद्ध इस साल थमेगा.

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    अभी नहीं थमेगी यूक्रेन और रूस के जंग की आग!

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर आशंकाएं गहराती जा रही हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हालात जिस दिशा में जा रहे हैं, उसे देखकर नहीं लगता कि यह युद्ध इस साल थमेगा. उनके इस बयान ने उन उम्मीदों को करारा झटका दिया है जो युद्धविराम की संभावनाओं को लेकर जताई जा रही थीं.

    गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर चुके हैं कि अगर वे सत्ता में लौटे तो 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा देंगे. लेकिन विटकॉफ के बयान ने उनकी इस रणनीति पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. यूक्रेन और रूस की वर्तमान स्थिति देखकर साफ है कि न धमकियों का असर हो रहा है और न ही किसी मध्यस्थता की कोशिश रंग ला रही है.

    यूक्रेन ने बनाई अपनी मिसाइलें

    यूक्रेन ने भी अब अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करना शुरू कर दिया है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में जानकारी दी कि देश ने अपने घर में ही शक्तिशाली मिसाइलों का निर्माण कर लिया है, जो युद्ध में रूस को जवाब देने के लिए काफी हैं. दूसरी ओर, रूस ने भी डोनबास क्षेत्र पर कब्जा मजबूत करने के लिए मिसाइल और ड्रोन हमलों की रफ्तार तेज कर दी है.

    क्यों नहीं हो पा रही शांति की बातचीत?

    1. जेलेंस्की की वैधता पर सवाल

    रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में बयान दिया कि जेलेंस्की अब आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इसी आधार पर रूस उन्हें वार्ता के लिए अधिकृत नहीं मानता. ऐसे में पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधे संवाद की संभावनाएं लगभग शून्य हो गई हैं.

    2. इलाकों की वापसी पर अड़चन

    रूस अब तक जिन क्षेत्रों पर कब्जा कर चुका है, जैसे डोनबास और क्रीमिया, उन्हें वह वापस करने को तैयार नहीं है. रूस चाहता है कि क्रीमिया को उसकी अधिकृत क्षेत्रीय पहचान दी जाए और यूक्रेन कभी नाटो का हिस्सा न बने. अमेरिका ने यूक्रेन को नाटो में शामिल न करने के संकेत जरूर दिए हैं, लेकिन साथ ही उसे सुरक्षा की गारंटी देने का ऐलान भी किया है, जिससे रूस नाराज है.

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