भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिससे भारतीय सेना को अपनी सैन्य तैयारियों में और अधिक ताकत मिल सकेगी. अब भारतीय सेना प्रमुख को यह अधिकार दिया गया है कि वह बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के टेरिटोरियल आर्मी की बटालियनों को तैनात कर सकते हैं. इस फैसले से भारतीय सेना को सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने में और तेजी मिलेगी. अब तक टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती के लिए सेना प्रमुख को केंद्र सरकार से विशेष मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया सरल और तेज कर दी गई है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तेजी से कार्रवाई की जा सके.
सरकार का यह फैसला क्यों है महत्वपूर्ण?
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनावों को देखते हुए यह कदम समय की आवश्यकता थी. पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के मद्देनज़र, भारतीय सेना को अब अधिक लचीलापन मिल गया है. सेना प्रमुख को त्वरित निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है, जिससे सेना को सीमा पर किसी भी खतरे का तुरंत और प्रभावी तरीके से सामना करने की क्षमता मिलेगी. टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती से ऑपरेशन सिंदूर जैसे जवाबी मिशन और सीमा सुरक्षा की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी.
टेरिटोरियल आर्मी क्या है?
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की एक रिज़र्व फोर्स है, जो उन नागरिकों से मिलकर बनती है जो अपने पेशेवर जीवन में व्यस्त रहते हुए भी, देश की सेवा के लिए तैयार रहते हैं. यह एक प्रकार का 'पार्ट-टाइम सोल्जर' होता है, जो आपातकालीन स्थितियों में युद्ध, आपदाओं या किसी संकट के समय सेना के साथ तैनात हो सकता है. यह बल विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है, जैसे सैन्य, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और लॉजिस्टिक्स. इसे प्रादेशिक सेना भी कहा जाता है.
टेरिटोरियल आर्मी का इतिहास
टेरिटोरियल आर्मी की शुरुआत 1920 में 'इंडियन टेरिटोरियल फोर्स' के रूप में हुई थी. 1948 में इसे औपचारिक रूप से सेना का हिस्सा बनाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य था कि यह नागरिकों को सैन्य प्रशिक्षण दे, ताकि आपातकालीन स्थितियों में वे सेना का सहारा बन सकें. 1949 में इसके औपचारिक रूप से काम करने की शुरुआत हुई, और तब से यह भारतीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है.
टेरिटोरियल आर्मी में शामिल प्रमुख हस्तियां
टेरिटोरियल आर्मी में कई प्रमुख भारतीय हस्तियाँ भी शामिल हैं, जिनमें क्रिकेटर्स महेंद्र सिंह धोनी और कपिल देव, दक्षिण भारतीय सुपरस्टार मोहनलाल, और कांग्रेस नेता सचिन पायलट जैसे लोग शामिल हैं. इन व्यक्तित्वों ने अपनी मानद सैन्य रैंक हासिल की है और कुछ ने असली सैन्य प्रशिक्षण भी लिया है. ये सभी अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के प्रतीक रहे हैं.
ये भी पढ़ें: नागरिकों को ढाल बनाया, LoC पर गोलीबारी, तुर्की के ड्रोन से हमला... भारत ने खोली पाकिस्तान की पोल