क्या है पाकिस्तानी सेना के नाक में दम करने वाली बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, कैसे बनी इतनी ताकतवर?

    बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है, हालांकि इस बार इसकी वजह किसी आतंकी घटना नहीं, बल्कि अमेरिका द्वारा इस संगठन को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना है.

    What is Balochistan Liberation Army and how did it become so powerful
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    इस्लामाबाद: बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है, हालांकि इस बार इसकी वजह किसी आतंकी घटना नहीं, बल्कि अमेरिका द्वारा इस संगठन को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना है. अमेरिकी विदेश विभाग के इस फैसले को बलूच स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जबकि पाकिस्तान इसे अपनी कूटनीतिक और सुरक्षा नीति की सफलता के रूप में देख रहा है.

    BLA पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, खासकर बलूचिस्तान क्षेत्र में. यह संगठन पाकिस्तान की सबसे चर्चित अलगाववादी मिलिशिया में से एक है, जो बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्षरत है.

    हाई-प्रोफाइल घटनाएं और सुर्खियां

    BLA ने मार्च 2025 में उस वक्त वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जब इसके सदस्यों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था. क्वेटा से पेशावर जा रही इस ट्रेन को करीब 40 घंटे तक अपने कब्जे में रखने के बाद पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण वापस हासिल किया. इस घटना ने यह साफ कर दिया कि BLA अब सिर्फ पहाड़ियों में छिपे छिटपुट विद्रोही नहीं हैं, बल्कि यह एक सुव्यवस्थित और प्रशिक्षित संगठन बन चुका है.

    आंदोलन की पृष्ठभूमि और विकास

    बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है खनिज संसाधनों से समृद्ध लेकिन सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा. बलूच समुदाय लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि इस क्षेत्र के संसाधनों का लाभ उन्हें नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों को मिलता है. 1947 के बाद से अब तक बलूचिस्तान में अलगाववाद की कई लहरें उठ चुकी हैं, लेकिन मौजूदा आंदोलन की शुरुआत 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी.

    2006 में बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की मौत इस आंदोलन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई. बुगती की हत्या को पाकिस्तान की सेना ने अंजाम दिया था, जिसके बाद बलूच युवा वर्ग के बीच विश्वास की कमी और अलगाव की भावना और गहरी हो गई.

    BLA का संगठनात्मक ढांचा और रणनीति

    शुरुआत में यह आंदोलन कबायली नेतृत्व के अंतर्गत था, लेकिन समय के साथ इसमें शिक्षित युवाओं की भागीदारी बढ़ी. असलम बलूच और बशीर जेब जैसे नेताओं ने BLA को एक नया विचारात्मक और रणनीतिक आधार दिया. खासकर, मजीद ब्रिगेड नामक इसकी एक विशेष इकाई, शहरी क्षेत्रों में समन्वित हमलों और आत्मघाती अभियानों के लिए जानी जाती है.

    महिलाओं की भागीदारी भी इस संगठन में देखने को मिली है शरी बलूच, सुमैया कलंदरानी जैसी महिलाएं मजीद ब्रिगेड का हिस्सा बनकर सामने आई हैं. यह बदलाव बताता है कि संगठन अब एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुका है.

    अंतरराष्ट्रीय पनाहगाह और हथियारों तक पहुंच

    रिपोर्ट्स के अनुसार, BLA को ईरान और अफगानिस्तान की सीमावर्ती क्षेत्रों में पनाहगाहें प्राप्त हैं. कुछ सूत्र यह भी दावा करते हैं कि संगठन ने अफगानिस्तान से छोड़े गए अमेरिकी हथियारों को प्राप्त किया है, जिससे इसकी सैन्य क्षमताएं पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गई हैं.

    BLA की मांगें और वैश्विक स्थिति

    BLA खुद को बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्षरत एक स्वतंत्रता आंदोलन बताता है. इसके समर्थकों का कहना है कि पाकिस्तान की नीतियों ने बलूच क्षेत्र को आर्थिक और राजनीतिक रूप से उपेक्षित रखा है. वहीं, पाकिस्तान और अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश इसकी हिंसात्मक गतिविधियों को आतंकवाद करार देते हैं.

    BLA के निशाने पर अक्सर सुरक्षा प्रतिष्ठान, बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और खासतौर पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) से जुड़ी परियोजनाएं रही हैं. यही कारण है कि इसे अब क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.

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